Buxar News: आशा घर-घर करेंगी कालाजार के मरीजों की खोज

कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | June 5, 2025 10:12 PM
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बक्सर

. कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसके तहत हाल ही में जिले में प्रभावित इलाकों में इंडोर रेसिडेंशियल स्प्रे (आईआरएस) के तहत दवाओं का छिड़काव संपन्न कराया गया. वहीं, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय द्वारा प्रभावित गांवों में घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान शुरू किया गया है.

पीकेडीएल एक ऐसी स्थिति है, जब एलडी बॉडी नामक परजीवी त्वचा कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें संक्रमित कर देता और वहीं रहते हुए विकसित होकर त्वचा पर घाव के रूप में उभरने लगता है. इसके कारण मरीज को बार-बार बुखार आने लगता है. साथ ही, भूख में कमी, वजन का घटना, थकान महसूस होना, पेट का बढ़ जाना आदि इसके लक्षण के रूप में दिखाई देने लगते हैं. ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाकर अपनी जांच करानी चाहिए. ठीक होने के बाद भी कुछ व्यक्ति के शरीर पर चकत्ता या दाग होने लगता है. उन्होंने बताया कि पीकेडीएल का इलाज पूर्ण रूप से किया जा सकता है. इसके लिए लगातार 12 सप्ताह तक लगातार दवाओं का सेवन करना पड़ता है. साथ ही, इलाज के बाद मरीज को 4000 रुपये का आर्थिक अनुदान भी सरकार द्वारा दिया जाता है. इसलिए पीकेडीएल से बचने के लिए मरीजों को कालाजार के इलाज के दौरान दवाओं का कोर्स पूरा करने की सलाह दी जाती है.

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