ऊॅं नम: शिवाय के मंत्रोच्चार से आबाद हुए शिवालय

शहर समेत जिले भर में सावन शिवरात्रि का त्योहार बुधवार को उत्सवी माहौल में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया.

By AMLESH PRASAD | July 23, 2025 10:20 PM
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बक्सर. शहर समेत जिले भर में सावन शिवरात्रि का त्योहार बुधवार को उत्सवी माहौल में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया. इस पावन अवसर पर शिव भक्त शिवालयों में गए और वैदिक विधि-विधान के साथ भोले बाबा का दर्शन-पूजन एवं जलाभिषेक किये. इस दौरान सभी शिवालय मंत्रोच्चार एवं हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान हो गये. भगवान शंकर को समर्पित शिवरात्रि का त्योहार प्रत्येक महीना में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली सभी 12 शिवरात्रियों में सावन एवं फाल्गुन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. सो श्रद्धालु अनुष्ठान के साथ भगवान शिव व माता पार्वती की आराधना कर उनकी कृपा की कामना करते हैं. शिव भक्त ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर छोड़ने के बाद नित्य क्रिया से निबटे और गंगा घाटों पर जाकर डुबकी लगाये. स्नान के बाद पात्र में गंगा जल ग्रहण किए. उपवास व्रत का संकल्प लेकर मंदिरों में गए और मंत्रोच्चार के बीच वैदिक विधि-विधान से भगवान शिव के जलाभिषेक के अलावा चंदन, अक्षत, पुष्प, बिल्वपत्र, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पित किये. शिव मंदिरों में लगे आस्था के मेले सावन की शिवरात्रि पर शिवार्चन के लिए मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ गयी. भीड़ के कारण लंबी कतारें लगी हुई थी. जहां कतारबद्ध श्रद्धालु घंटों खड़े होकर मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा रुद्राभिषेक एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी किये गये. इस अवसर पर शिवालयों को रंग बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाकर आकर्षक रूप दिया गया था. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गयी. मंदिरों में पूजन-अर्चन का दौर सुबह से शुरू हुआ तो दोपहर बाद तक जारी रहा. श्री रामेश्वरनाथ मंदिर में रही सबसे ज्यादा भीड़ वैसे तो शहर के दर्जन भर से अधिक शिव मंदिरों में सुबह सी श्रद्धालुओं की भीड़ लग गयी थी, परंतु त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के हाथों नगर के रामरेखाघाट पर स्थापित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था. नतीजा यह था कि गर्भ गृह में पूजन-अर्चन के लिए भक्तों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. इसी तरह पौराणिक महत्व वाले गंगा व ठोरा के संगम पर स्थापित बाबा संगमेश्वर नाथ, सोमेश्वर स्थान स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ, चरित्रवन स्थित चैत्ररथ शिव, पंचमुखी शिव, आदिनाथ आखाड़ा अंतर्गत श्री नाथ मंदिर, सिविल लाइंस स्थित सिद्धानाथ मंदिर, सोहनीपट्टी स्थित अर्ध नारिश्वर श्री गौरीशंकर मंदिर एवं बाजार समिति रोड स्थित श्री पतालेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के जमघट लगे रहे. सोखा धाम में कांवर लेकर पहुंचे श्रद्धालु : इटाढ़ी प्रखंड के कवड़ेसर व निहालपुर स्थित सोखा धाम में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहा. वहां बाबा वीरभद्र की आराधना के लिए आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं के अलावा दूर-दराज से भी शिव भक्त पहुंचे थे. बक्सर से गंगा जल के साथ कांवरिया सूर्योदय से पहले ही पहुंचने लगे थे. मंदिर के पास अस्थायी दुकानें भी लगायी गयी थीं. जिनमें पुष्प व पूजा-पाठ के सामानों के साथ ही अन्य तरह की दुकानें सजी थीं. जहां श्रद्धालु पूजा-पाठ के सामानों की खरीदारी कर रहे थे.

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