जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में शनिवार को हुए तिहरे हत्याकांड के बाद इलाके में जबरदस्त तनाव बना हुआ है. जिसे देखते हुए पुलिस बल कैंप कर रही है. एक साथ एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. पुलिस कप्तान शुभम आर्य से लेकर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार समेत आसपास के कई थानों की पुलिस अहियापुर पहुंच गयी. शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी सत्यप्रकाश भी सदलबल मौके पर पहुंच गए और परिजनों से पूछताछ कर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाए.
लापरवाही के कारण नपे चौकीदारडीआईजी ने बताया कि उक्त क्षेत्र के चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. प्रथम द्रष्टया उनकी लापरवाही स्पष्ट उजागर हुई है. क्योंकि घटना की सूचना देने में उन्होंने कोताही बरता. जाहिर है कि गांव की गतिविधियों पर नजर रखने की जवाबदेही चौकीदार पर होती है, लेकिन चौकीदार द्वारा सूचना नहीं दी गई. जिसे कर्तव्य के प्रति कोताही मानते हुए उनपर गाज गिराई गई है.
हथियारों के लाइसेंस होंगे निरस्तडीआईजी ने कहा कि पुलिस हत्यारोपितों के नाम से जारी हथियारों को जब्त कर लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश करेगी. हालांकि अभी तक हथियार बरामद नहीं हुए हैं. हथियारों की बरामदगी के लिए प्रयास तेज कर दिया गया है. यह पुलिस की प्राथमिकता में है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हत्यारोपितों द्वारा अतिक्रमित सरकारी जमीन की पहचान की कवायद शुरू कर दी गई है. इसकी जिम्मेवारी राजपुर अंचलाधिकारी को सौंपी गई है. अतिक्रमित जमीन को उनके कब्जे से जल्द मुक्त कराया जाएगा.
पुरानी रंजिश ने लिया नरसंहार का रूपडीआईजी ने कहा कि अभी तक की जांच में पता चला है कि दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर पहले से रंजिश चल रही थी. गत पंचायत चुनाव में दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे थे. जिसकी खुन्नस धीरे-धीरे बढ़ती गई. गांव स्थित सरकारी भवन पर हत्यारोपितों की कब्जा व सरकारी जमीन अतिक्रमण को लेकर भी तनातनी थी. इसी बीच गिट्टी-बालू रखने को लेकर मामला तूल पकड़ लिया.
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