बक्सर. जंक फूड डे के अवसर पर बक्सर में आयोजित संदर्भ-मंच के बैनर चले फ्यूचर मेकर सेंटर स्टेशन रोड में एक परिचर्चा-गोष्ठी आयोजित हुई. जिसमें जंक फूड से होने वाली हानियों के बारे में चर्चा की गयी. जंक फूड खाना एक ऐसा कल्चर है जिसे विदेशियों ने पाला है. जंक फूड हमारे देशवासियों के लिए उतना फायदेमंद नहीं है. जंक फूड फैशन से रोग पैदा हो रहे हैं. स्वाद के चक्कर में पाचन संबंधी रोग, लीवर संबंधी रोग, मोटापा संबंधी रोग, डायबिटीज के जाल में व्यक्ति फंसता चला जा रहा है. रामेश्वर प्रसाद वर्मा, वरीय अधिवक्ता ने कहा कि खाने के लिए तमाम भारतीय व्यंजन पड़े हुए हैं. हमारे पास छप्पन भोग हैं, तो क्यों पडना है जंक फूड के चक्कर में. शशि भूषण मिश्र ने कहा कि लोगों को स्वस्थ रहने के लिए चटपटे मसालेदार तले भूने तबीयत खराब कर देने वाले व्यंजनों से बचना चाहिए तभी स्वस्थ रहेंगे.जब लोग स्वस्थ होंगे, तभी मस्त रहेंगे. अन्य वक्ताओं में भरत प्रसाद ने कहा कि अमेरिका के लिए जंक फूड जरूरी हो सकता है लेकिन हम भारतीयों के लिए यह विषाणुवाहक है. गुड्डू कुमार ने कहा कि जंक फूड के बदले में सलाद खाइए, कैलोरी भी कम मिलेगी और शरीर को अच्छा पोषण मिलेगा. डॉ शशांक शेखर ने कहा कि बच्चों को मोबाइल और जंक फूड से दूरी बनाए रहना चाहिए और अपने करियर के बारे में जागरूक रहना चाहिए. राम प्रताप चौबे ने कहा कि जंक फूड खाना हितकारी कभी भी नहीं है.जंक फूड सेवन किसी तरह से लाभकारी नहीं है. अन्य उपस्थित लोगों ने यह माना कि हमें स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य नहीं बर्बाद करना चाहिए. इस परिचर्चा -गोष्ठी में राजेश, कमलेश,शिवा,रिंकी, शिवानी एवं अन्य उपस्थित रहे.
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