बक्सर. जिले में पशुपालन विभाग के द्वारा जिले के हर प्रखंड में एक मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन चलाया जा रहा है. जिला समन्वयक अग्निवेश कुमार ने बताया कि अगर किसी पशुपालन को कोई समस्या होता है. पशुपालन विभाग के जारी टोल फ्री नंबर 1962 कर कल करके इलाज करा सकते हैं. वही बताया कि जिले सिमरी प्रखंड के नियाजीपुर में मोबाइल पशु चिकित्सा की तत्परता से बीमार गाय को मिला नया जीवन. बताया कि पशुपालक संजय पासवान की गाय को मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की तत्परता और समर्पण से नया जीवन मिला.संजय पासवान की गाय ने सात दिन पूर्व एक बछड़े को जन्म दिया था.दुर्भाग्यवश, झोलाछाप चिकित्सक के गलत दवाओं और ओवरडोज के चलते गाय की तबीयत बिगड़ती चली गई. हालत इतनी खराब हो गयी कि गाय ने खाना-पीना, मल-मूत्र सब त्याग दिया और इलाज के दौरान गिर पड़ी. गंभीर स्थिति के बीच, जब कोई उम्मीद शेष नहीं बची थी, तब संजय पासवान ने मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई 1962 से संपर्क किया. सूचना मिलते ही मोबाइल पशु चिकित्सा के डॉक्टर पीयूष यादव एवं उनकी टीम मौके पर पहुंची और तुरंत इलाज शुरू किया. डॉक्टर यादव ने जिला समन्वयक अग्निवेश कुमार से संपर्क कर केस की गंभीरता से जानकारी दी. डिस्ट्रिक्ट को ऑर्डिनेटर अग्निवेश कुमार ने तत्काल आवश्यक निर्देश दिए और पशुपालक से भी संवाद कर भरोसा दिलाया कि टीम ने 15 दिनों तक गाय की नियमित देखरेख और उपचार किया. रविवार जैसे अवकाश के दिन भी टीम ने इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी. दूसरे दिन से ही गाय की स्थिति में सुधार दिखने लगा और धीरे-धीरे वह फिर से खाने-पीने लगी. इलाज के सातवें दिन वह रस्सी के सहारे उठने लगी और पंद्रहवें दिन पूरी तरह स्वस्थ हो गयी. इस प्रयास में बक्सर जिले के अन्य पशु चिकित्सकों डॉ रवि कुमार पाल, डॉ कन्हैया कुमार और डॉ अरुण कुमार ने भी मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया. गाय के पूरी तरह स्वस्थ होने पर संजय पासवान ने भावुक होकर कहा आप लोगों ने हमारी गाय को नई जिंदगी दी है. डॉक्टर पीयूष यादव, उनकी टीम और अग्निवेश कुमार जी का यह उपकार हम जीवन भर नहीं भूल सकते.
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