Buxar News: नलकूप ठप, खेतों को नहीं मिल रहा पानी

जिला मुख्यालय से सटा चुरामनपुर गांव में सरकारी नलकूप से किसानों को सुविधा नहीं मिल रही है.

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | June 1, 2025 9:17 PM
an image

बक्सर. जिला मुख्यालय से सटा चुरामनपुर गांव में सरकारी नलकूप से किसानों को सुविधा नहीं मिल रही है. जिसके कारण उनके खेतों की फसल की सिंचाई प्रभावित हो गया है. पानी के बिना सब्जी की फसल से लेकर अन्य प्रकार की फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है. जिससे खेत सिंचाई के अभाव में बंजर होने की स्थिति में पहुंच गया है. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं नलकूप से सिंचाई के लिए पूर्व से बने पक्के बाहा को तोड़ दिया गया है. जिसके बाद न तो कच्ची बाहा की खुदाई अभी तक हो पाया है और न ही पक्की बाहा का ही निर्माण कराया गया है. बल्कि सिंचाई के लिए बना पुराना पक्का बाहा भी आज तोड़कर समतल बना दिया गया है. जिससे किसानों की सिंचाई काफी समय से प्रभावित हो गया है. वहीं पुराने पक्के बाहा को तोड़कर नव निर्माण नहीं होने के कारण सड़क का रूप ले लिया है. नलकूल से सिंचाई होने वाले खेत अब पानी के बिना बंजर बनने लगा है. जिससे किसानों में खेतों की सिंचाई को लेकर आक्रोश दिख रहा है. बाहा का निर्माण नहीं होने से नलकूप का उपयोग नहीं हो पा रहा है. जिससे किसानों के खेतों की सिंचाई प्रभावित है. नया बाहा के नाम पर पुराने को तोड़ा नया बाहा के नाम पर सिंचाई के पुराने बाहा को पंचायत द्धारा तोड़ दिया गया है. पुराने बाहा को नये बाहा के निर्माण को लेकर तोड़ा गया है. लेेकिन पिछले एक साल से अधिक समय हो गया है. उसका निर्माण अभी तक नहीं कराया गया है. जिसके कारण किसानों की खेतों की सिंचाई व्यवस्था काफी प्रभावित हो गया है. जिसके कारण खेतों की सिंचाई काफी प्रभावित हो गया है. जिससे संबंधित किसानों की समस्या बढ़ गई है. सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई व्यवस्था प्रभावित है. ज्ञात हो कि पुराने पक्के बाहा से सिंचाई चल रही थी. जिससे किसानों के खेतों को पानी मिल रहा था. फसल भी आबाद हो रहे थे. तोड़ने को लेकर उठने लगा सवाल नलकूपों का हस्तांतरण लघु सिंचाई विभाग से पंचायत राज को हस्तगत कर दिया गया है. जिसका संचालन पंचायत के मुखिया के माध्यम से कराया जा रहा है. इस बीच नलकूल नंबर 6 चुरामनपुर से होने वाली सिंचाई के लिए बना पक्का बाहा को तोड़ दिया गया. पिछले एक साल से बाहा को तोड़ने को लेकर अब सवाल उठने लगा है. स्थानीय लोगों उपेंद्र सिंह, श्रीभगवान सिंह, अवधेश कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि जब निर्माण कार्य नहीं कराना था तो एक साल पहले पुराने पक्के को तोड़ने की जरूरत क्या थी. उस समय जब निर्माण कार्य नहीं कराना था तो उसे तोड़ने की बजाय पुराने बाहा को ही छोड़ देना चाहिए था. जिससे सिंचाई हो रही थी. लेकिन न बाहा का निर्माण हुआ और न ही पुराना बाहा को छोड़ा गया है. इससे बाहा आज सड़क का रूप ले लिया है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां बक्सर न्यूज़ (Buxar News), बक्सर हिंदी समाचार (Buxar News in Hindi),ताज़ा बक्सर समाचार (Latest Buxar Samachar),बक्सर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Buxar Politics News),बक्सर एजुकेशन न्यूज़ (Buxar Education News),बक्सर मौसम न्यूज़ (Buxar Weather News)और बक्सर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version