चौसा. जुलाई का महीना बीतने को है और धान का बिचड़ा भी तैयार है. परंतु क्षेत्र में ना अच्छी बारिश हो सकी और ना ही सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में आ पाया. ऐसे में धान की रोपनी को लेकर किसानों को चिंता सताने लगी है. बारिश के लिए आद्रा नक्षत्र सबसे माकूल माना जाता है जिसमें आहर, चाट व तालाब पानी से भर जाते है. परंतु आद्रा नक्षत्र में माकूल बारिश नहीं होने से अब भी सिवान में कहीं भी पानी नजर नहीं आ रहा. पिछले हफ्ते से बारिश नहीं होने से खेत सूखे हैं. हालांकि अरहर, ज्वार, बाजरा, मूंग, उरद जैसे फसलों की बुआई का कार्य हो चुका है. परंतु धान की रोपनी में भी विलंब होने लगा है. क्षेत्र में एक तो अच्छा बारिश नहीं हुआ उसपर सोन नहर का पानी अभी तक चौसा सीवीसी कैैैैनाल में कोचाढ़ी फॉल तक नहीं आया. सावन माह प्रारंभ है परंतु सिचाई के लिए पानी नहीं होने के चलते अभी तक किसानों के खेतों मेंं दरारे पड़ा है. धान के बिचड़े तैयार हैं. सोन नहर में पानी नहीं आने से किसान धान की रोपनी को लेकर परेशान नजर आने लगे हैं. मीरहामजा खां, छोटेलाल सिंह, पूर्व मुखिया सहाबू नट, विजय राय, हरेराम सिंह, ध्रुप राय, हदीश मियां, चन्दन सिंह, साम्राज सिंह आदि किसानों का कहना है कि धान का बिचड़ा तैयार है और रोपनी के लिए यही माकूल समय है परंतु अभी तक ना तो क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई और ना ही सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में आ सका. नहीं मिलने से किसान धान की रोपनी के लिए बेचैन है. सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में नहीं आने से जलीलपुर, सिकरौल, सरेंजा, चुन्नी पंचायत के दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों का धान के बिचड़ा तैयार होने के बाद भी सिंचाई के आभाव में रोपनी का कार्य बाधित है. सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में नहीं आने से क्षेत्र में 60 फीसदी खेतों में अभी धान की रोपनी नहीं हो सकी है. सोन नहर का पानी ऊपर से ही चौसा सीवीसी में काफी कम छोड़ा जा रहा है जो राजपुर ब्लाक के कुछ हिस्से में ही दम तोड़ दिया है. जिससे टेल एंड तक पानी अभी तक नहीं आया है. चौसा सीवीसी कैनाल में सोन का पानी नहीं आने से सोनपा, राजपुर राजवाहा बिल्कुल सुखा है. कुछ किसान ट्यूबवेल आदि से धान की रोपनी तो कर लिए परंतु बारिश नहीं होने से अधिकांश खेत परती पड़ा हुआ है. सोन नहर का पानी सोनपा माईनर में अभी तक नहीं आने से सैकड़ों एकड़ खेतों में धान की रोपनी नहीं हो सकी है. अगर एक हफ्ते तक धान की रोपनी नहीं हो सकी तो पैदावार पर सीधा असर पड़ सकता है.
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