हाजीपुर. हाजीपुर प्रखंड के पानापुर लंगा पंचायत स्थित उन्नति ग्राम संगठन द्वारा बुधवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में जिला के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भाग लिया. इस अवसर पर इन्होंने ग्रामीण महिलाओं के साथ सीधा संवाद करते हुए राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं को सहज और सरल भाषा में समझाया. कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने ना केवल बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया, बल्कि महिलाओं की आशाओं, अपेक्षाओं और जमीनी आवश्यकताओं को भी गंभीरता से सुना. इसके पूर्व प्रभारी मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर महिला संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इसके बाद जिला परियोजना प्रबंधक वंदना कुमारी ने जिले में चल रही महिला संवाद गतिविधि के बारे में विस्तार से बताया. अपने संबोधन में प्रभारी मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सहभागिता के कारण ही आज बिहार प्रगति की राह पर है. राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं ने राज्य में महिला सशक्तीकरण की अलख जगाई है. यह बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का ही परिणाम है कि महिलाएं चूल्हा -चक्की से बाहर निकलकर सशक्त समाज का निर्माण कर रही हैं. मंत्री ने महिलाओं एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला संवाद कार्यक्रम आपके सपनों को साकार करने के लिए एक बड़ा मंच बन गया है. बिहार देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं को आरक्षण दिया गया है. इन्होंने महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रही विभिन्न योजनाओं, विशेषकर कन्या उत्थान योजना के बारे में जानकारी दी. इन्होंने कहा कि अगली बार सरकार बनी तो ग्रामीण महिलाओं के रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इस अवसर पर राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित लाभुकों ने अपने जीवन में आई खुशहाली के बारे में भी बताया. बबीता देवी ने बताया कि उनकी बेटी का चयन बीपीएससी टीआरई- 3 में शिक्षक के रूप में हुआ है, जिनकी पदस्थापन मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड में हुआ है. महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार की योजनाओं पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन एवं लीफलेट के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संदेश पत्र भी कार्यक्रम में आमंत्रित महिलाओं एवं छात्रों के बीच वितरित किया जा रहा है. वैशाली जिला में अब तक 1682 ग्राम सगठनों में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें तीन लाख 40 हजार से अधिक महिलाओं एवं छात्राओं की सहभागिता रही है. संवाद के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार, महिलाओं के लिए लघु उद्योगों की स्थापना और घर पर रोजगार मुहैया कराने जैसी महत्वपूर्ण मांगें सामने आई. कार्यक्रम में महिलाओं की जागरूकता और भागीदारी ने साबित किया कि सही जानकारी और सरकारी सहयोग से बदलाव की शुरुआत गांव से हो सकती है.
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