Hajipur News : 30 बेडों वाले सीएचसी में नहीं है फिजिशियन, निजी क्लिनिक का सहारा ले रहे मरीज
लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बीते 18 मई को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने उद्घाटन किया था. एक जून से स्वास्थ्य केंद्र में इलाज शुरू हुआ, लेकिन सुविधा मौजूद होने के बावजूद डॉक्टर और कर्मी की कमी होने के कारण अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को सभी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
By SHAH ABID HUSSAIN | July 1, 2025 7:19 PM
लालगंज नगर. लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बीते 18 मई को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने उद्घाटन किया था. एक जून से स्वास्थ्य केंद्र में इलाज शुरू हुआ, लेकिन सुविधा मौजूद होने के बावजूद डॉक्टर और कर्मी की कमी होने के कारण अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को सभी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ओपीडी में प्रतिदिन करीब तीन सौ लोग इलाज कराने पहुंचते है. वहीं आइपीडी में 80-100 मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर व कर्मियों के कमी से उन्हें निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है. अस्पताल प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि 30 बेडों वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 11 डॉक्टर तैनात हैं. हालांकि इसमें एक भी फिजिशियन डॉक्टर नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी होती है. सीएचसी और इसके अधीन संचालित सभी केंद्रों पर स्वीकृत 56 पदों पर एएनएम तैनात है.
ट्रेनर के सहारे चल रहा एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड
अस्पताल में ट्रेनर के सहारे एक्स-रे, इसीजी और अल्ट्रासाउंड संचालित हो रहा है. जांच की रिपोर्ट भगवान भरोसे मान डॉक्टर इलाज कर रहे है. इस अस्पताल में एक भी ड्रेसर तैनात नहीं है. यहां 30 प्रकार की जांच निशुल्क की जाती है. बताया गया कि दो सौ से अधिक प्रकार की दवा उपलब्ध है. रैबीज की सुई उपलब्ध है. सीएचसी के अधीन दो एपीएससी और 30 एसडब्लूसी संचालित होती है.
हमेशा व्यस्त रहती है एंबुलेंस
बताया गया कि इस अस्पताल में तीन एंबुलेंस हैं, जिनमें एक बड़ा और दो छोटा शामिल हैं. मरीजों की अधिक संख्या पहुंचने के कारण हमेशा व्यस्त रहती है. इसके कारण एंबुलेंस से इमरजेंसी मरीजों को इलाज कराने आने व जाने में काफी परेशानी होती है. पुरणतांड गांव निवासी राजकुमार ने बताया कि गिरने से पैर की हड्डी टूट गयी है. इलाज कराने अस्पताल पहुंचने पर कर्मी लापरवाही बरत रहे थे. इंतजार कराने के बाद पुर्जा काटा गया.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
फिलहाल जो व्यवस्था मेरे पास है उसमें मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं है. कमी महसूस होने पर विभाग के वरीय अधिकारी को लिखित जानकारी दी जाती है. कमी को दूर करने का पूरा प्रयास किया जाता है. फिलहाल किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं है.
डॉ नवीन कुमार,
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