एक दिन में एक मीटर से ज्यादा बढ़ा गंडक नदी का जलस्तर

रविवार को वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया था 52,400 क्यूसेक पानी, इस कारण बढ़ा था गंडक नदी का जलस्तर

By Abhishek shaswat | June 23, 2025 7:23 PM
an image

हाजीपुर. गंडक नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ा है. रविवार के दिन 12 घंटे में गंडक नदी का जलस्तर लगभग एक मीटर से ज्यादा बढ़ गया. इस कारण नदी के बीच में किसानों द्वारा उगाया गया परवल, खीरा और तरबूज की खेती खत्म हो गई. नदी की तेज धारा के कारण नदी में जमे रेत बह गए है और इसी के साथ बह गए हर साल किसानों द्वारा रेत पर की गई खेती. हालांकि मानसून आने के साथ ही नदी के बीच में की जाने वाली खेती पानी के बहाव में बह जाती है. ऐसे में तेजी से बढ़े जल स्तर पर जल निस्सरण विभाग 24 घंटे निगरानी रख रहा है.

हाजीपुर में 50.32 मीटर है खतरे का निशान

इस संबंध में विभाग द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार गंडक नदी का जल स्तर रविवार की सुबह 6.00 बजे 45.75 मीटर था, लेकिन अचानक शाम में ये जलस्तर बढ़कर 46.05 मीटर हो गया. इसी तरह लालगंज में रविवार की सुबह 6.00 बजे गंडक नदी का जलस्तर 49.01 था, लेकिन शाम में ये अचानक बढ़कर 49.23 हो गया. आंकड़ों पर गौर करें तो गंडक नदी का जलस्तर खतरे का निशान हाजीपुर में 50.32 तो लालगंज में 50.50 है. लेकिन सोमवार को गंडक नदी का जलस्तर नहीं बढ़ा और हाजीपुर और लालगंज दोनों स्थानों पर नदी का जलस्तर घट गया. सोमवार की सुबह मिले आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर में गंडक नदी का जलस्तर 46.05 से घटकर 45.98 हो गया, वहीं लालगंज में गंडक नदी का जलस्तर 49.23 से घटकर 49.18 हो गया. विभाग के आंकड़ें बताते हैं कि रविवार को वाल्मीकिनगर बराज से 52,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इस कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया था.

हाजीपुर में 1948, तो लालगंज में 2021 में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा था जलस्तर

विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो हाजीपुर में गंडक नदी का जलस्तर 50.32 मीटर तो लालगंज में 50.50 है. हाजीपुर में वर्ष 1948 में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहा था. इस दौरान गंडक नदी का जलस्तर 51.93 पहुंच गया था, वहीं लालगंज में 2021 में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान 50.50 मीटर से ऊपर 51.82 मीटर पहुंचा था.

नदी के बीच में किसान उपजाते हैं खीरा, ककरी और परवल

गंडक नदी के बीचों-बीच रेत पर सैकड़ों एकड़ में किसान विभिन्न सब्जियां और फल उगाते हैं. जिले के वैशाली प्रखंड से गंडक नदी लालगंज और हाजीपुर प्रखंड होते हुए कोनहारा के आगे गंगा नदी में मिलती है. लेकिन इन तीन प्रखडों के किसान नदी का पानी कम होने के बाद रेत पर परवल, खीरा आदि की खेती करते हैं. ये उत्पाद किसान शहर और आसपास के इलाकों के साथ ही दूसरे जिलों और राजधानी पटना में भेजते हैं. हाजीपुर प्रखंड का तरबूज तो पटना, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर तक भेजे जाते हैं. इससे किसानों की आय बढ़ती है. लेकिन मानसून आने के साथ ही ये खेती खत्म हो जाती है. नदी में पानी आने के कारण रेत बह जाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां हाजीपुर न्यूज़ (Hajipur News) , हाजीपुर हिंदी समाचार (Hajipur News in Hindi), ताज़ा हाजीपुर समाचार (Latest Hajipur Samachar), हाजीपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Hajipur Politics News), हाजीपुर एजुकेशन न्यूज़ (Hajipur Education News), हाजीपुर मौसम न्यूज़ (Hajipur Weather News) और हाजीपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version