Bihar News: नालंदा के चर्चित लोदीपुर हत्याकांड में महिला समेत 15 दोषियों को आजीवन कारावास, जानें पूरा मामला

Bihar News: नालंदा के चर्चित लोदीपुर हत्याकांड में सोमवार को बिहारशरीफ कोर्ट में दोषी करार एक महिला समेत 15 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.

By Radheshyam Kushwaha | October 21, 2024 7:13 PM
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Bihar News: नालंदा के चर्चित लोदीपुर हत्याकांड का न्यायालय का फैसला आ गया. नालंदा जिला के छबिलापुर थाना क्षेत्र के चर्चित लोदीपुर हत्याकांड में सोमवार को बिहारशरीफ कोर्ट में दोषी करार एक महिला समेत 15 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. बीते 4 अगस्त 2021 को लोदीपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी. मृतकों में 60 साल के यदुनंदन यादव, उनके दो बेटे पिंटू यादव (30) और मधेश यादव (25), परशुराम यादव के बेटे धीरेंद्र यादव (50) और शिवेंद्र यादव (32) शामिल थे.

50 बीघा जमीन को लेकर सामूहिक हत्या की हुई थी घटना

बताते चलें कि इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय अखौरी अभिषेक सहाय की अदालत ने बीते 27 सितंबर को लोदीपुर निवासी भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लालू यादव, गुड्डू यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव, चिंता देवी, करमु बीघा के कृष्णा यादव, विनोद यादव, श्यामदेव यादव, मालिसांड़ गांव के अवधेश यादव एवं गया जिला के नीमचक बथानी थाना क्षेत्र के बथानी गांव निवासी अशोक यादव को हत्या, जानलेवा हमला और सशस्त्र अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था. इसके बाद सोमवार को एक महिला समेत दोषी करार कुल पंद्रह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.

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4 अगस्त 2021 को पांच लोगों की हुई थी निर्मम हत्या

हालांकि इस हत्याकांड में दो नाबालिग आरोपियों का मामला फिलहाल किशोर न्याय परिषद में विचाराधीन है. जिला अभियोजन पदाधिकारी (पीपी) मो.कैसर इमाम ने बताया कि यह एक जघन्य अपराध है. हमारी ओर से सभी अभियुक्तों के लिए फांसी की सजा की मांग की गयी थी. न्यायालय का आदेश सभी दोषियों को आजीवन कारावास का है. न्यायालय का आदेश सर्वोपरि है. बताते चलें कि लगभग 50 बीघा जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच साल 2010 से विवाद चल रहा था. घटना के दिन एक पक्ष के लोग विवादित खेत को जोतने का प्रयास किया, जिसे रोकने गए दूसरे पक्ष पर गोलियों की बौछार कर दी गई थी. इसमें पांच लोगों की मौत हुई थी जबकि चार अन्य गंभीर रूप से जख्मी हुए थे.

आज भी गांव में है सहम का माहौल

तीन साल बीत जाने के बाद भी गांव में सहम का माहौल है, जिस जमीन के लिए इतना खून-खराबा हुआ. वह आज भी बंजर पड़ी है. पीड़ित परिवार की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवान मूक गवाह हैं कि न्याय की प्रक्रिया के बावजूद शांति की बहाली अभी दूर है. दोषी करार दिए गए लोगों के घरों में ताले लटके हुए हैं, जो इस त्रासद घटना की मूक गवाही दे रहे हैं.

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