वादों का पोस्टमॉर्टम करेंगे पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि वे खुद कल्याण बिगहा जाकर वहां के लोगों से बात करेंगे और यह दिखाएंगे कि मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने जिन तीन बड़े वादों को बार-बार दोहराया, उनकी सच्चाई क्या है. ये वादे हैं-
- भूमि सर्वे की पारदर्शिता
- 94 लाख युवाओं को दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा
- गरीबों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों को तीन-तीन डिसमिल जमीन देने का वादा
उन्होंने दावा किया कि इन तीनों मुद्दों पर सरकार ने जनता को सिर्फ झांसा दिया और अब वही जनता इस झूठ का जवाब देगी.
“बिना बॉडीगार्ड अपने गांव नहीं जा सकते नीतीश और तेजस्वी”
जहानाबाद के अमैन हाई स्कूल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि “बिहार में सुशासन के नाम पर सिर्फ प्रचार हुआ है. आज हालात ऐसे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने गांव बिना बॉडीगार्ड नहीं जा सकते. तेजस्वी यादव भी अपने क्षेत्र राघोपुर का हाल नहीं देख सकते.” उन्होंने आरोप लगाया कि जातीय समीकरणों के भरोसे चल रही राजनीति ने बिहार को पिछड़ापन, पलायन और अपराध की दलदल में धकेल दिया है.
“हां मैं व्यापारी हूं, लेकिन चारा चोर नहीं”
सत्ता और विपक्ष की ओर से उन्हें व्यापारी बताए जाने पर पीके ने कहा, “मैं व्यापारी हो सकता हूं, लेकिन चोर नहीं हूं. मैंने कभी बालू या चारा नहीं चुराया, न ही जेल गया.” उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि लोग अपने बच्चों के भविष्य की खातिर सोच-समझकर वोट करें.
तेजस्वी होंगे महागठबंधन के चेहरे, कांग्रेस सिर्फ झोला ढो रही
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में कांग्रेस की कोई राजनीतिक ताकत नहीं बची है. “महागठबंधन में वही होगा जो लालू यादव चाहेंगे. तेजस्वी यादव ही उनके सीएम फेस होंगे,” पीके ने दावा किया. अब देखना होगा कि कल्याण बिगहा से शुरू हो रहा यह जनसुराज आंदोलन कितना असर दिखा पाता है और क्या यह नीतीश कुमार की सत्ता को चुनौती देने में सफल हो पाएगा या नहीं.
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