10 वर्षीय सौरव ने लगा दी जान की बाजी, तालाब में डूब रहीं तीन बच्चियों को बचाया
Bihar News: 10 वर्षीय पुत्र सौरव कुमार ने बच्चियों को डूबता देख तालाब में छलांग लगा दिया. उसने काफी मशक्कत से तीन छात्राओं को बारी-बारी से उनके बाल पकड़ कर तालाब से बाहर निकाल लिया.
By Ashish Jha | August 9, 2024 7:32 AM
Bihar News: शेखपुरा. शेखोपुरसराय प्रखंड के बेलाव पंचायत के किशनपुर गांव में गुरुवार को 10 वर्षीय सौरव ने तालाब में डूब रही चार बच्चियों में से तीन की जान बचा ली. जबकि, इस घटना में एक बच्ची की मौत हो गयी. सौरव ने अपनी जान की बाजी लगाकर मेहर (08 वर्ष), प्रीति (09 वर्ष) और मुस्कान (08 वर्ष) को बचाने में सफल रहा, जबकि बच्ची मधु (10 वर्ष) की डूबने से मौत हो गयी. यह सभी किशनपुर मध्य विद्यालय की छात्रा हैं. तीनों बच्चियों को बचाने वाला सौरव भी उसी स्कूल का छात्र है. इस घटना में किशनपुर गांव के बबलू बिंद की दो बेटियां मधु और मेहर शामिल थीं. यह दोनों बहनें जुड़वां थीं. इसमें मधु की डूबने से मौत हो गयी. जबकि मेहर के साथ ही उसकी दो सहेलियां प्रीति और मुस्कान भी इस घटना में बच गयी. मधु की मौत से मेहर और उनके परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है.
सौरव की साहस की हर तरफ प्रशंसा
सौरव की साहस की हर तरफ प्रशंसा हो रही है. मृत छात्रा के पिता बबलू बिंद ने बताया कि किशनपुर गांव के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाली चार छात्राएं गुरुवार को स्कूल नहीं जाकर गांव के हनुमान मंदिर के समीप खेलने चली गयीं. वहां से चारों एक साथ नहाने के लिए पास के तालाब में चली गयीं. वहां, नहाने के दौरान वह गहरे पानी में जाने से डूबने लगीं. उसी समय पास से गुजर रहे गांव के पिंटू राउत के 10 वर्षीय पुत्र सौरव कुमार ने बच्चियों को डूबता देख तालाब में छलांग लगा दिया. उसने काफी मशक्कत से तीन छात्राओं को बारी-बारी से उनके बाल पकड़ कर तालाब से बाहर निकाल लिया.
तालाब से बाहर निकाली गयी छात्रा मेहर कुमारी ने अपनी बहन मधु को नहीं देख रोना चालू कर दिया. इसके बाद सौरव दुबारा तालाब में छलांग लगाकर गहरे पानी के नीचे जाकर खोजबीन की. लेकिन, बच्ची नहीं मिली, तो वह थककर तालाब से बाहर निकल आया. इसके बाद इस घटना की जानकारी मेहर के घरवालों को दी गयी. घरवालों ने ग्रामीणों के साथ पहुंच कर तालाब से मधु को मृत अवस्था में बाहर निकाला. इस घटना के बाद किशनपुर सरकारी विद्यालय में दो मिनट का मौन धारण कर शोक प्रकट किया गया. साथ ही साहस का परिचय देने वाले छात्र सौरव कुमार को पुरस्कृत करने का एलान किया है. शिक्षक ने कहा कि सौरव ने साबित कर दिया हैं कि मनुष्य के जीवन में हर कला का रहना उतना ही जरूरी होता है, जितना जीने के लिए आहार की जरूरत होती है.