सुपौल आगामी बाढ़ की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार ने सोमवार को सरायगढ़ भपटियाही अंचल कार्यालय में नाव मालिकों, नाविकों और गोताखोरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक का उद्देश्य बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा करना और संभावित आपदा की स्थिति में बेहतर समन्वय के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देना था. एसडीओ इंद्रवीर कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष आई अप्रत्याशित बाढ़ ने बांध के अंदर बसे हजारों लोगों को भय और लाचारी की स्थिति में डाल दिया था. ऐसे समय में नाविकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है, लेकिन दुर्भाग्यवश कई क्षेत्रों में नावों की उपलब्धता असंतोषजनक रही थी. इस बार प्रशासन कोई चूक नहीं होने देना चाहता, इसलिए सीधे नाव मालिकों और नाविकों से संवाद स्थापित किया गया है. सभी नाव मालिक अपने नाव के कागजात शीघ्र एमवीआई के माध्यम से पंजीकृत कराएं ताकि समय पर अंचलाधिकारी द्वारा परवाना निर्गत किया जा सके. नाव पर स्पष्ट रूप से “निःशुल्क सेवा ” लिखना अनिवार्य किया गया है. सभी नावों पर लाल झंडा लगाना होगा, जिससे यह पहचाना जा सके कि नाव सरकारी कार्य के लिए चिन्हित है. बाढ़ के सामान्य होने के बाद नाव मालिक अपने सभी दस्तावेज समय पर अंचल कार्यालय में जमा करें, ताकि भुगतान प्रक्रिया बाधित न हो. आपदा की घड़ी में सेवा भावना से कार्य करने की अपील की गई, ताकि समय पर राहत और बचाव सुनिश्चित हो सके. नाविकों को सलाह दी गई कि बाढ़ की स्थिति में अपने परिवार को पहले सुरक्षित स्थान पर भेज दें, जिससे वे पूरी तरह राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें. बैठक में अंचलाधिकारी धीरज कुमार, राजस्व पदाधिकारी, अंचल के गोताखोर और समस्त नाव मालिक उपस्थित रहे. नाव मालिकों ने आश्वासन दिया कि वे इस बार पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ प्रशासन का सहयोग करेंगे और आपदा प्रबंधन कार्यों में पूरी निष्ठा से भाग लेंगे. एसडीओ इंद्रवीर कुमार ने स्पष्ट किया कि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता जनजीवन की रक्षा है, और इसके लिए सभी संबंधित पक्षों का सहयोग अनिवार्य है.
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