आद्रा नक्षत्र की पहली बारिश ने जगा दी उम्मीदें, खेतों में लौट आई रौनक

इस बार भगवान भरोसे नहीं, मेहनत पर है भरोसा

By RAJEEV KUMAR JHA | June 25, 2025 7:01 PM
an image

सुपौल. लंबे इंतजार के बाद जैसे ही आद्रा नक्षत्र ने दस्तक दी, आसमान से बरसी पहली फुहारों ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी. खेतों में हरियाली की उम्मीद फिर से जाग उठी है. मंगलवार सुबह से ही जिले के विभिन्न गांवों में किसान अपने खेतों की ओर निकल पड़े, और महिलाओं ने धान की बिचड़ा रोपनी का काम शुरू कर दिया. पानी से भरे खेतों में घुटनों तक कीचड़ में खड़ी महिलाएं एक-एक पौधा रोप रही हैं. सिर पर पल्लू डाले, धूप-बारिश की परवाह किए बिना, ये महिलाएं खेतों को जीवन देने में जुटी हैं. उनके श्रम और समर्पण से खेतों में एक बार फिर हरियाली लौटने लगी है. इस बार भगवान भरोसे नहीं, मेहनत पर है भरोसा गांव के बुजुर्ग किसान रामविलास यादव कहते हैं, हर साल आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठते हैं, लेकिन इस बार समय पर बारिश हो गई. अब उम्मीद है कि फसल अच्छी होगी. महिलाओं की टोली में काम कर रहीं सरस्वती देवी बताती हैं, जैसे ही पहली बारिश हुई, हमने बिचड़ा निकालना शुरू कर दिया. अब देर करने का समय नहीं, खेत को समय पर तैयार करना है. उम्मीद की बूंदें, खुशहाली की राह आद्रा नक्षत्र की बारिश सिर्फ मिट्टी को नहीं भिगोती, यह किसानों के दिलों में उम्मीद की फसल भी बो देती है. धान की खेती पर निर्भर इस क्षेत्र के लिए यह मौसम जीवनरेखा के समान है. बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च और पूरे साल की आजीविका इसी फसल पर निर्भर करती है. खेतों में हल चलाते पुरुष, पौधे रोपती महिलाएं, और मिट्टी से सनी मुस्कुराहटें यह सब कुछ उस संघर्ष और आशा का प्रतीक है, जो गांव की मिट्टी में गहराई तक रचा-बसा है. इस बार बारिश समय पर आई है, मेहनत रंग लाई तो इस धरती पर फिर एक बार अन्नदाताओं का विश्वास फलेगा-फूलेगा. आद्रा नक्षत्र में शाम को घर में जलाना चाहिए दीप : आचार्य धर्मेंद्रनाथ धर्म ग्रंथों एवं ज्योतिष के ग्रंथों में आद्रा नक्षत्र का अत्यधिक महत्व है. इसवार आद्रा नक्षत्र 22 जून को प्रारंभ हुआ एवं 06 जुलाई तक रहेगी. इस नक्षत्र में शिव पूजा और प्रणव ओम का जाप अक्षय फलदाई होता है. यह जानकारी गोसपुर निवासी पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने दी. उन्होंने कहा कि आद्रा नक्षत्र अध्ययन अध्यापन में रुचि रखने वाले लोगों की कृति बढ़ती है. इस नक्षत्र में जन्मे लोग अत्यधिक प्रभावशाली देखे जाते हैं. आद्रा नक्षत्र किसानों को लेकर अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस नक्षत्र में बारिश की शुरुआत होती है और किसान लोग दालपुरी, खीर, आम के साथ साथ कई तरह के भोग भगवती को लगाकर भगवती से प्रार्थना करते हैं कि कृषि में अन्न आदि की खूब वृद्धि हो. हरदार नक्षत्र के प्रवेश होते ही सभी ग्रस्तों को यदि संभव हो तो शिवालय में या घर में संध्या के समय दीप प्रज्वलित करना चाहिए. क्योंकि इसी दिन महादेव ने ब्रह्मा विष्णु के समक्ष अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे. यह शिवरात्रि से भी महान है. शिव पुराण में कहा गया है. सौ महाशिवरात्रि के बराबर एक आद्रा नक्षत्र पर्याप्त है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां सुपौल न्यूज़ (Supaul News) , सुपौल हिंदी समाचार (Supaul News in Hindi), ताज़ा सुपौल समाचार (Latest Supaul Samachar), सुपौल पॉलिटिक्स न्यूज़ (Supaul Politics News), सुपौल एजुकेशन न्यूज़ (Supaul Education News), सुपौल मौसम न्यूज़ (Supaul Weather News) और सुपौल क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version