सुपौल जिले में इन दिनों तेज गर्मी और भारी उमस ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. मानसून की अनियमितता और अब तक पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि किसानों की चिंता भी गहराती जा रही है. दिनभर चिलचिलाती धूप और रात में बढ़ती नमी के कारण लोग परेशान हैं. बिजली की आंखमिचौली ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया है. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को हो रही है. खेत सूखे, धान की रोपनी पर संकट बारिश नहीं होने से खेतों में पर्याप्त नमी नहीं है, जिससे धान की रोपनी का कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जिले के कई इलाकों में किसानों ने बीज तो बो दिए, लेकिन पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण अंकुरण तक नहीं हो सका. किसान रामनरेश यादव बताते हैं, हर साल इस समय तक रोपनी हो जाती थी, लेकिन इस बार खेतों में पानी ही नहीं है. सिंचाई के साधन भी सीमित हैं. सरकार को जल्द कोई कदम उठाना चाहिए. पंपसेट और बोरिंग से भी सीमित क्षेत्रों में ही सिंचाई संभव हो पा रही है. कहते हैं कृषि मौसम वैज्ञानिक कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ देवन कुमार चौधरी ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री दर्ज किया गया. जिले में अगले दो-तीन दिनों में बारिश होने की संभावना है.
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