राघोपुर. बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा के आगमन पर संस्कृत प्रेमियों एवं विद्वतजनों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के संस्कृत एवं धर्मप्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. समारोह की विशेष आकर्षण रहे मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र, जिन्होंने अपनी विशिष्ट रचना ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ को बोर्ड अध्यक्ष को सौजन्य भेंट स्वरूप अर्पित किया. यह ग्रंथ संस्कृत और मैथिली में रचित है, जिसका उद्देश्य धर्म के जटिल रहस्यों को सरल भाषा में जनसामान्य तक पहुंचाना है. इस ग्रंथ को विद्वत समाज में अत्यधिक सराहना मिली है. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंडित रामचंद्र झा, कुलपति प्रो शशिनाथ झा, डॉ सुरेश्वर झा, डॉ शतिरमण झा, डॉ विद्याधर झा, पंडित शचींद्रनाथ मिश्र और पंडित यागेश्वर झा सहित कई प्रख्यात विद्वानों ने इस ग्रंथ को धर्मिक साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया है. बोर्ड अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने इस अवसर पर आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा, ऐसे ग्रंथ समाज में धार्मिक चेतना जगाने के साथ-साथ मूल्यों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह पुस्तक निश्चित रूप से जनमानस को धर्म के व्यावहारिक पक्ष को समझने में मदद करेगी. उन्होंने आचार्य मिश्र को इस साहित्यिक और धार्मिक पहल के लिए शुभकामनाएं और साधुवाद दिया तथा आशा जताई कि आने वाले समय में ऐसे प्रयासों को शिक्षा व्यवस्था में भी स्थान दिया जाएगा.
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