संस्कृत विषय में 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर रचा इतिहास सुपौल. जिले की होनहार बेटी यशश्री ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) जुलाई 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त की हैं. उन्होंने सामान्य श्रेणी में यह सफलता पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से हासिल की और इस वर्ष विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय में सफल होने वाली अकेली प्रतिभागी बनीं. यशश्री की यह सफलता ना केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है बल्कि पूरे जिले के लिए भी एक प्रेरणा है. यशश्री की प्रारंभिक शिक्षा सदर प्रखंड अंतर्गत वीणा बभनगामा के ग्रामीण परिवेश में हुई. इसके बाद उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा राजकीय बबूजन विशेश्वर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय से और इंटरमीडिएट की पढ़ाई सुपौल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पूरी की. अपनी मेधा और मेहनत के बल पर उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में प्रवेश लिया, जहां से उन्होंने संस्कृत विषय में स्नातक और फिर स्नातकोत्तर की डिग्री उत्कृष्ट अंकों के साथ हासिल की. विशेष बात यह है कि यशश्री ने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के महज एक वर्ष के भीतर ही यह प्रतिष्ठित उपलब्धि हासिल की है. यशश्री का पालन-पोषण एक आध्यात्मिक और शिक्षाप्रद माहौल में हुआ. उनके माता-पिता समाजसेवा से जुड़े हैं और सुपौल के बच्चों के लिए शिक्षा, संस्कार और योग की गतिविधियों में सक्रिय रूप से योगदान करते हैं. यशश्री अब संस्कृत विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर शिक्षा जगत में कदम रखने को तैयार हैं. उनका लक्ष्य है कि वह अपने अध्ययन और शोध के माध्यम से सनातन मूल्यों पर आधारित समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें. उनकी इस सफलता पर जिले में खुशी की लहर है. शिक्षकों, परिजनों और समाज के लोगों ने यशश्री को बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.
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