पेटरवार, भूमि बैंक रद्द करने, गैरमजरुआ भूमि का रसीद निर्गत करने, जीएम लैंड अधिग्रहण के बदले मुआवजा का भुगतान करने आदि मांगों को लेकर भाकपा माले ने मंगलवार को पेटरवार प्रखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने पेटरवार तेनु -चौक से रैली निकाली, जो मुख्य मार्ग और बाजार का भ्रमण करते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंची. प्रदर्शन के बाद यहां एक सभा की गयी. सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य हलधर महतो ने कहा कि केंद्र सरकार को किसान-मजदूरों के हित की चिंता नहीं है. अडानी-अंबानी के हाथों देश की संपत्ति बेचा जा रहा है. फर्जी और फालतू मुद्दों पर राजनीति की जा रही है इसलिए नौ जुलाई की आम हड़ताल को सफल बनायें.
देश की जनता पर लादा जा रहा बोझ
माले जिला सचिव देवदीप सिंह दिवाकर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के 11 साल में देश की जनता बेहाल है. हर जगह भगदड़ और मौत का तांडव है और मोदी सरकार चैन की बांसुरी बजा रही है. एक जुलाई से केंद्र सरकार ने बैंकिंग लेनदेन से लेकर रेल भाड़ा बढ़ाकर देश की जनता पर बोझ लादा है और देश अच्छे दिन के दौर में नहीं सुरक्षित है और ना ही राष्ट्रीय संपदा.
किसानों की जमीन और खेती का अधिकार से वंचित करने पर जुटी है सरकार
भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य भुवनेश्वर केवट ने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों की जमीन और खेती का अधिकार से वंचित करने पर जुटी है. भूमि बैंक बनाकर रघुवर सरकार ने किसानों की गैरमजरुआ जमीन छीनी है. अब केंद्र सरकार श्रम संहिता लाकर मजदूरों का अधिकार छीन रही है. राज्य के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर आम जनता का जीना दुश्वार कर रहे हैं. यही हालात रहा, तो माले व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी. अंत में झारखंड सरकार के नाम पर प्रखंड मुख्यालय पर एक 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया.
ये थे मौजूद
मौके पर प्रखंड सचिव पंचानन मंडल, माले नेता दुर्गा सिंह, दुख्तार अंसारी, राज केवट, मणिराम मांझी, शंभू नाथ महतो, राजू महतो, इंद्रदेव सिंह, रेहाना बीबी, शिवचरण मांझी, मनसू सिंह, रूपलाल केवट, लालू नायक, मकसूद अंसारी, लाल मोहन मुर्मू , शीला देवी, भूषण केवट सैमुन निशा, छत्रधारी ठाकुर आदि उपस्थित थे.
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