ललपनिया , दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के शोक में गोमिया प्रखंड के आदिवासी बहुल गांवों में मंगलवार को लोगों के घरों में चूल्हा नहीं जला. इसमें दनिया,अईयर, टीकाहारा, कर्री, झुमरा पहाड़, कंडेर, गांगपूर, टुटीझरना, बिरहोर डेरा, कांशीटांड़, डुमरी, सियारी, सिमराबेड़ा, ललपनिया, असनापानी, कोदवाटांड़ आदि गांव शामिल हैं. ग्रामीणों ने कहा कि गुरुजी हम सबके अभिभावक थे. अब असहाय हो गये. कई महिलाओं की आंखों में आंसू थम नहीं रहे थे. इन गांवों के कई लोग गुरुजी की अंत्येष्टी में भी शामिल हुए. होसिर पूर्वी पंचायत के आंबेडकर क्लब हरिजन टोला में श्रद्धांजलि सभा की गयी. लोगों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. कांग्रेस के जिला महासचिव रामकिशन रविदास ने कहा कि दिशोम गुरु जननायक थे. मौके पर सुनील कुमार दास, वार्ड सदस्य नेहा कुमारी,आतिश मेहरा, छोटन तुरी, लखन रविदास, रोहित राम, भागीरथ रवि, भीमलाल, चिंता देवी, अरुण कुमार चंदन, बिरजू रविदास, विशाल कुमार, पप्पू पासवान, किशन राम, प्रेम कुमार, अरुण कुमार दास, परमेश्वर थे. सोना सोबरन स्मारक उच्च विद्यालय ललपनिया में शोक सभा कर दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी गयी. विद्यालय के सचिव सह झारखंड आंदोलनकारी धनीराम मांझी ने गुरुजी को याद करते हुए रो पड़े. कहा कि उनकी अगुआई में झारखंड आंदोलन में भाग लिया और उनके साथ जेल गये थे. मौके पर त्रिभुवन महतो, रामजी तिवारी, शशिकांत देव, उषा प्रसाद, राहिल डांग, विनय कुमार शर्मा, फलेंद्र कुमार, अनिता देवी, अनिता कुमारी, राम प्रसाद सोरेन, परमानंद तिवारी, कुदसिया खानम वछात्र-छात्राएं थे.
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