Bokaro News : कथारा कोलियरी के सामने डिस्पैच बनी बड़ी समस्या

Bokaro News : सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र की कथारा कोलियरी के सामने फिलहाल सबसे बड़ी समस्या उत्पादित कोयला को डिस्पैच करने की है.

By JANAK SINGH CHOUDHARY | July 12, 2025 10:27 PM
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राकेश वर्मा, बेरमो, सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र की कथारा कोलियरी कोयला उत्पादन के मामले में धीरे-धीरे पटरी पर आती दिख रही है. गहरी माइंस के लिए सीसीएल में यह कोलियरी चर्चित है. क्षेत्रीय प्रबंधन फिलहाल इसके भूगर्भ में छिपे 18 मिलियन (180 लाख) टन कोयले के खनन के लिए भविष्य की कार्ययोजना पर काम कर रहा है. प्रबंधन के सामने फिलहाल सबसे बड़ी समस्या यहां से उत्पादित कोयला को डिस्पैच करने की है. यहां से उत्पादित कोयला वाशरी -ग्रेड वन का कोयला है और इसे कथारा व स्वांग वाशरी में ही आपूर्ति किया जाना है. कुछ वर्षों से उक्त दोनों वाशरी की स्थिति काफी खराब हो गयी है तथा अपनी क्षमता के अनुसार कोयले को वॉश नहीं कर पा रही हैं. नतीजतन दोनों वाशरियों में कोल स्टॉक बढ़ता जा रहा है. कथारा कोलियरी से उत्पादित कोल का डिस्पैच नहीं होने के कारण कोलियरी में कोल स्टॉक बढ़ता जा रहा है. ऐसी स्थिति में अब प्रबंंधन ने इ-ऑक्शन के माध्यम से डिस्पैच करने का निर्णय लिया है. प्रबंधन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कथारा कोलियरी के पास फिलहाल करीब तीन लाख टन कोयले का स्टॉक है. कथारा वाशरी के पास 4.5 लाख टन का स्टॉक हो गया है. प्रबंधन के अनुसार कथारा कोलियरी से उत्पादित वाशरी ग्रेड वन कोयले को अगर समय पर डिस्पैच नहीं किया गया तो पांच-छह माह में इसमें आग पकड़ लेती है.

नयी वाशरी बनने के बाद समस्या से मिलेगी निजात

कोयला व ओबी उत्पादन में ग्रोथ में चल रही है कोलियरी

चालू वित्तीय वर्ष में कथारा कोलियरी कोयला उत्पादन व ओबी निस्तारण में लक्ष्य व पिछले वर्ष की तुलना में ग्रोथ में चल रही है. चालू वित्तीय वर्ष के 11 जुलाई तक परियोजना ने 3.05 लाख टन उत्पादन किया है, जो इस वर्ष के लक्ष्य से 94 फीसदी तथा गत वर्ष की तुलना में 268 फीसदी का पॉजिटिव ग्रोथ है. वही 11 जुलाई तक कुल 10.50 लाख घन मीटर टन ओबी का निस्तारण किया गया है, जो इस वर्ष के लक्ष्य से 110 फीसदी तथा गत वर्ष की तुलना में 27 फीसदी का पॉजिटिव ग्रोथ है. मालूम हो कि चालू वित्तीय वर्ष में परियोजना का कोयला उत्पादन का लक्ष्य 14 लाख टन है, जिसमें आउटसोर्स से 10 लाख टन तथा डिपार्टमेंटल चार लाख टन उत्पादन करना है. वहीं ओबी निस्तारण का लक्ष्य 35 लाख टन है. जिसमें 24 लाख टन आउटसोर्स से तथा 10 लाख टन डिपार्टमेंटल करना है. मालूम हो कि गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में परियोजना ने 9.40 लाख टन कोल प्रोडक्शन किया था.

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