मुआवजा के लिए संघर्ष कर रही नाइजर में आतंकी हमले में मारे गये भारतीय की पत्नी

Ganesh Karmali Family News: झारखंड के बोकारो जिले के एक प्रवासी श्रमिक की नाइजीरिया में आतंकवादी हमले में मौत हो गयी. अब उसका परिवार मुआवजे के लिए संघर्ष कर रहा है. गणेश करमाली कमाने के लिए नाइजीरिया गया था. कंपनी ने उसे सिर्फ 10 लाख रुपए दिये, जबकि उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की मौत के मामले में इसी कंपनी ने 27 लाख रुपए दिये थे. गणेश करमाली का 40 लाख का बीमा था, लेकिन उसके परिवार के पास उसका कोई कागज नहीं है.

By Mithilesh Jha | August 3, 2025 6:35 PM
an image

Ganesh Karmali Family News: नाइजर में एक आतंकवादी हमले में अपने पति के मारे जाने के बाद गोमिया की यशोदा देवी (32) बीमा दावा करने और उचित मुआवजा पाने के लिए संघर्ष कर रहीं हैं. में बोकारो जिले के गोमिया ब्लॉक निवासी गणेश करमाली (39) की 15 जुलाई 2025 को पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर के डॉसो क्षेत्र में पुलिस और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में मौत हो गयी थी. करमाली का शव रविवार शाम घर लाया गया.

करमाली को कंपनी ने सिर्फ 10 लाख दिया मुआवजा

तीन बच्चों की मां यशोदा देवी ने बताया कि जिस कंपनी में उनके पति कार्यरत थे, उसने परिवार को केवल 10 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिये, जिसे उन्होंने अपर्याप्त बताया. उन्होंने दावा किया कि उनके पति का 40 लाख रुपए का बीमा था, लेकिन उन्हें एक पैसा भी नहीं मिला.

उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति को मिले 27 लाख रुपए

यशोदा ने कहा, ‘करमाली ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. 3 बच्चों के अलावा हमें दो बुजुर्ग माता-पिता की भी देखभाल करनी है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि इतनी कम राशि में परिवार का गुजारा कैसे चलेगा.’ पति का शव घर लाये जाने के बाद यशोदा बीमार पड़ गयीं. उन्होंने दावा किया कि इस हमले में उत्तर प्रदेश के एक और व्यक्ति की मौत हो गयी थी और उसके परिवार को कंपनी ने 27 लाख रुपए का मुआवजा दिया है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

करमाली की बेटी बोली- कंपनी ने नहीं दिया जवाब

करमाली की बेटी सपना कुमारी ने आरोप लगाया, ‘जब हमने मुआवजा राशि में अंतर के बारे में पूछा, तो एक कंपनी कर्मचारी ने कहा कि मुआवजा पद के आधार पर तय होता है. मेरे पिता फोरमैन थे. क्या उन्हें सिर्फ 10 लाख रुपए ही मिलने चाहिए? जब हमने कंपनी के एक कर्मचारी से यह सवाल पूछा, तो उन्होंने जवाब नहीं दिया.’

सपना बोली- पापा का 40 लाख का था बीमा

ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही 17 वर्षीय सपना ने दावा किया कि उसके पिता ने बताया था कि मृत्यु की स्थिति में उनका 40 लाख रुपए का बीमा है, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला. हमारे पास बीमा के कागज नहीं हैं, इसलिए न कंपनी से मदद मिल रही है, न स्थानीय प्रशासन से.’

श्रम अधीक्षक बोले- 5 लाख रुपए की सहायता देगी सरकार

बोकारो के श्रम अधीक्षक रंजी कुमार ने बताया कि करमाली ‘ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड’ में कार्यरत थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने कंपनी को 50 लाख रुपए मुआवजे के लिए अनुरोध भेजा है. कुमार ने कहा, ‘लेकिन इसे दिलाने में हमारी भूमिका सीमित है. हम परिवार को बीमा दावा निपटाने में मदद कर सकते हैं. यदि परिवार बीमा के कागज उपलब्ध कराता है, तो हम श्रम अदालत में मामला ले जा सकते हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मृतक के परिजनों को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक सुरक्षा योजना के तहत 5 लाख रुपए की सहायता राशि देगी.

इसे भी पढ़ें

झारखंड में 2.98 करोड़ की साइबर ठगी, सीआईडी ने गिरोह का किया भंडाफोड़, जमशेदपुर से एक गिरफ्तार

Cyber Crime: सीबीआई अधिकारी बनकर रेलवे कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट कर 3.9 लाख रुपए की ठगी

संबंधित खबर और खबरें

यहां बोकारो न्यूज़ (Bokaro News) , बोकारो हिंदी समाचार (Bokaro News in Hindi), ताज़ा बोकारो समाचार (Latest Bokaro Samachar), बोकारो पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bokaro Politics News), बोकारो एजुकेशन न्यूज़ (Bokaro Education News), बोकारो मौसम न्यूज़ (Bokaro Weather News) और बोकारो क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version