लोन के आधार का हुआ विस्तार
बोकारो स्टील प्लांट के कर्मियों को अब तक नान रिफंडेबल लोन (एनआरएल) के लिए वजह बतानी पड़ती थी. केंद्र सरकार के इस निर्देश के बाद अब इपीएफ ट्रस्ट ने तय किया है कि कोविड-19 के नाम पर भी एनआरएल बीएसएल कर्मचारी लोन ले सकते हैं. बीएसएल के 90 फीसद कर्मचारी नान रिफंडेबल लोन लेते ही हैं. अब कर्मियों को लोन लेने के लिए कोविड-19 भी एक वजह मिल गयी है. पीएफ के 75 फीसद तक मिलती है रकम : बीएसएल कर्मचारी को नान रिफंडेबल लोन के तौर पर बेसिक और डीए का तीन गुना या खुद का जमा कंट्रीब्यूशन का 75 फीसद मिलता है. दोनों में से जो रकम कम होगी, वह इपीएफ ट्रस्ट कर्मचारी को देता है. केंद्र सरकार के निर्देश पर इपीएफओ से कोविड-19 को देखते हुए सभी पीएफ ट्रस्ट को निर्देश जारी कर दिया गया है.
परेशानी से निजात की आस
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद बीएसएल के इपीएफ ट्रस्ट ने बैठक कर इंप्लाइज प्रोविडेंड फंड स्कीम 1952 के पैराग्राफ 68 एल के 19 इ में संशोधन करते हुए सर्कुलर जारी किया. इसमें कर्मचारी बेसिक डीए का तीन गुना व स्वयं के अंशदान के 75 फीसद में, जो भी कम हो दिया जायेगा. कार्मिक अधिकारी को आवेदन : बीएसएल कर्मचारी एक आवेदन अपने कार्मिक अधिकारी को दे कर इसका लाभ ले सकता है. ये कर्मचारी अब तक एनआरएल लेने के लिए जिन वजहों को बता सकते थे, उसमें शिक्षा, विवाह, मकान बनाना व मरम्मत, जमीन खरीदना, परिवार के सदस्य का उपचार आदि शामिल था. अब इसमें अतिरिक्त कोविड-19 कोरोना वायरस भी जुड़ गया है.