बोकारो के शूटर बिनोद खोपड़ी को मारने के लिए आये थे बिहार से शूटर, एके 47 से थी मारने की तैयारी

बोकारो के चर्चित चेहरे बिनोद खोपड़ी सहित चार लोगों को मारने की तैयारी से बिहार से शूटर आए थे. शूटरों ने बिनोद खोपड़ी की रेकी भी की गई थी.

By Kunal Kishore | August 7, 2024 10:02 PM
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बोकारो : भारत एकता को-ऑपरेटिव कॉलोनी में हथियारों (एक एके 47 राइफल, एके-47 राइफल के दो मैगजीन व 92 कारतूस, एक कार्बाइन व कार्बाइन की दो मैगजीन, एक रिवाल्वर, चार नाइन एमएम पिस्टल व 150 कारतूस ) का जखीरा एक दिन में जमा नहीं किया गया है. इसका इस्तेमाल बोकारो के शूटर चर्चित चेहरा बिनोद खोपड़ी को मारने के लिए करने वाले थे.

बिनोद की हो रही थी लगातार रेकी

बिनोद की रेकी भी चीरा चास में लगातार की गयी. दिनचर्या पर लगातार नजर रखी गयी. इसी बीच बिहार के मोकामा के शूटरों से हरला थाना क्षेत्र के महुआर निवासी ठेकेदार शंकर रवानी की हत्या को लेकर अशोक सम्राट ने संपर्क किया. 10 लाख में मामला सेट होने के बाद टारगेट बदल गया. 18 जुलाई को शंकर रवानी की हत्या कर दी गयी. हत्या करने के बाद शूटर सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के भारत एकता को-ऑपरेटिव कॉलोनी में दो दिन तक आराम फरमाते रहे. इसके बाद बिहार चले गये. सेक्टर 12 थाना प्रभारी सुभाष कुमार सिंह को पता भी नहीं चला. एसआइटी टीम आज तक शूटरों को तलाश रही है.

बिनोद खोपड़ी था शूटरों का मेन टारगेट

गिरफ्तार गिरफ्तार अपराधी वीरेंद्र प्रसाद उर्फ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि सारा हथियार अशोक सम्राट का है. शूटर बोकारो में पहले विनोद को मारने आये थे. इसी बीच शंकर रवानी की हत्या के लिए 10 लाख की सुपारी मिली. पैसे के लिए शूटरों ने शंकर रवानी की हत्या कर दी. पुलिस सूत्रों के अनुसार चीरा चास निवासी एक युवक ने बिनोद की रेकी भी की थी. बताते चलें कि बिनोद पर पूर्व में कई मामले दर्ज थे. बिनोद लगभग सभी मामले में बरी हो चुका है. वर्तमान में ठेकेदारी कार्य से जुडा है. इसके अलावा चास नगर निगम का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटा है. इसके अलावे दो और चर्चित चेहरे, जिस पर शूटरों की नजर है. इसे लेकर पुलिस जांच में जुटी है.

हर माह चुकाता था 3500 रुपय किराया

बिहार के छपरा में स्थायी निवास के साथ-साथ झारखंड के धनबाद के बेकारबांध व बोकारो के भारत एकता को-ऑपरेटिव कॉलोनी में किराये पर वीरेंद्र प्रसाद उर्फ वीरेंद्र यादव ने आवास ले रखा था. भारत एकता को-ऑपरेटिव कॉलोनी के आवास का 3500 रुपये हर माह किराया चुकाता था. आवास में भारी मात्रा में हथियार रखने की भनक तक मकान मालिक को नहीं लगी. एक-एक कर हथियार जमा होता चला गया. वीरेंद्र पर 2020 में बीएस सिटी थाना में अपराधिक मामला भी दर्ज है. वीरेंद्र का आपराधिक ठिकाना बोकारो व धनबाद था. इसके अलावा शूटरों का जहां इशारा होता था. वीरेंद्र वहीं निकल पडता था. फिलहाल एसआइटी के पुलिस अधिकारी लगातार वीरेंद्र से पूछताछ कर रहे है. वीरेंद्र के गिरफ्त में आने से कई हत्या और होनवाले कई हत्या के राज खुलेगा. बोकारो पुलिस परत दर परत राज खोलने में जुटी है.

क्या कहती है पुलिस

बोकरो एसपी पूज्य प्रकाश ने कहा कि सूचना मिल रही है कि शूटर के लिए रेकी करनेवालों की नजर बिनोद खोपडी, शंकर रवानी सहित चार लोगों पर थी. जिन लोगों की सूचना मिल रही है. सभी लोगों का किसी न किसी तरह से अपराध जगत से नाता है. मामले की पुष्टी की जा रही है. लगातार एसआइटी जांच कर रही है. जल्द ही हम पूरे मामले का उद्भेदन कर लेंगे.

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