चाईबासा. कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग 25 से 30 शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी पेंशन, ग्रेच्युटी और पीएफ के भुगतान के लिए लगातार विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं. सेवानिवृत्ति के बाद इन सुविधाओं के समय पर भुगतान न होने से कर्मचारियों को न केवल आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि वे मानसिक रूप से भी परेशान हैं. वर्तमान में जहां सामान्यतः पीएफ और ग्रेच्युटी की राशि सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद प्रदान कर दी जाती है, वहीं विश्वविद्यालय के कर्मचारी इस सुविधा से वंचित हैं और उन्हें महीनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है. नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्ति की तिथि से छह माह के भीतर इन भुगतानों की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन ऐसा न होने के कारण अनेक कर्मचारी असमंजस की स्थिति में हैं. विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कॉलेज प्राचार्य को एक लाख रुपये तक का पीएफ देने का प्रावधान है, जबकि तीन लाख रुपये तक की राशि ‘नॉन-रिफंडेबल’ श्रेणी में आती है. इसके बावजूद कर्मचारियों को उनके अधिकारों के लिए भटकना पड़ रहा है. इस संबंध में कुलसचिव पी सियाल ने कहा कि स्थायी कुलपति नहीं होने परेशानी हो रही थी. अब जल्द ही इसका समाधान कर किया जायेगा.
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