चाईबासा.डीएमएफटी मद से बन कर खराब पड़ी जलमीनार की मरम्मत, प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों, गरीबों को अबुआ आवास व राज्यकृत 2 उच्च विद्यालय के कक्षा नौ के छात्राओं के लिए बेंच डेस्क की मांगों को लेकर मंझारी प्रखंड के जिप सदस्य माधव चंद्र कुंकल के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने भरभरिया चौक से मंझारी प्रखंड कार्यालय तक पदयात्रा कर प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया. धरना में शामिल ग्रामीणों ने 10 दिनों के अंदर सभी खराब जलमीनार और चापाकल को मरम्मत करने की मांग की. ऐसा नहीं करने पर ग्यारहवें दिन पेयजल विभाग के इंजीनियर के कार्यालय की तालाबंदी की चेतावनी दी.
शिकायत करने पर भी नहीं हुई कार्रवाई
इस दौरान पिलका गांव के कोचा टोला के ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्थित डीएमएफटी फंड से बनी जलमीनार नौ माह से खराब है. साथ ही पड़सा पंचायत के दुबिला गांव में डीएमएफटी से बनी जलमीनार तीन माह से खराब है.पूर्व में भी कई बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से लिखित शिकायत की गयी, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया.
एक शिक्षक के भरोसे चल रहा कक्षा 1-5 पांच का विद्यालय
वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय लामझरी कक्षा 1 से 5 तक मात्र एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहा है, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रहा है. जिप सदस्य श्री कुंकल ने कहा कि जिला के अंदर रोज डीएमएफटी मद से करोड़ों के सड़कों का निर्माण हो रहा है, लेकिन डीएमएफटी से बनी जलमीनारों की मरम्मत जिला प्रशासन द्वारा नहीं कराया जा रहा है, जिसके कारण पानी के अभाव में ग्रामीण त्रस्त हैं.
बुनियादी समस्याओं का निदान न करना सरकार की विफलता
जिप सदस्य ने कहा पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं को जिला प्रशासन द्वारा निदान नहीं किया जाना सरकार की विफलता को दर्शाता है. शिक्षा के मामले में सरकार पूरी तरह फेल है. राज्य के विधायक, मंत्री व अफसर के बच्चे प्राइवेट और महंगे स्कूलों में पढ़ेंगे व राज्य के गरीब आदिवासियों के बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं है.
धरना- प्रदर्शन में ये रहे शामिल
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है