चाईबासा.मझगांव प्रखंड के घाेड़ाबांदा गांव में आयोजित दो दिवसीय आदिवासी हो समाज महासभा की केंद्रीय समिति का वार्षिक अधिवेशन रविवार को संपन्न हुआ. अधिवेशन में समाज के महत्वपूर्ण निर्णयों को लिपि बद्ध करने व एरे-बोंगा में ही शादी की तिथि तय करने का निर्णय लिया गया.
दूसरे समाज के पुजारी नहीं कर सकेंगे पूजा
महासभा के संयुक्त सचिव छोटेलाल तामसोय ने बताया कि शादी के मंडप में किसी भी पुजारी से पूजा विधि ”हो’ समाज में नहीं होगी. अर्थात दूसरे समाज के पुजारियों से पूजा कराना वर्जित होगा. ”हो’ समाज में सामाजिक रीति-रिवाज की इस विधि को महासभा के वार्षिक अधिवेशन में आम लोगों से समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा सर्व सहमति से अनुमोदित किया गया और इसी विधि को हो समाज की ””””शादी के विधि”””” के रूप में माना और समझा जायेगा.
अधिवेशन में ये रहे उपस्थित
लक्ष्मीनारायण लागुरी, गणेश पाट पिंगुवा, मोनाचंद्र सिंह सावैयां, दामोदर सिंह सिंकु, देवेंद्र नाथ चंपिया, भूषण पाट पिंगुवा, इपिल समाड, गब्बर सिंह हेम्ब्रोम, सुरेंद्र पूर्ति, बीरसिंह बिरुली, गोविंद बिरुवा, अंजू सैमड, इंदु तियु, रमेश जेराई, विनीता पुरती, चैतन्य कुंकल, मानसिंह समाड, विपिन चंद्र तामसोय, रमेश बलमुचु, हरीश चंद्र समड, छोटेलाल तामसोय, शेर सिंह बिरुवा, बहालेन चंपिया आदि.
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