चाईबासा. पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, चाईबासा में शुक्रवार को दो चरणों में गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया. इसका शुभारंभ विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष रामध्यान मिश्र, कोषाध्यक्ष दिलीप गुप्ता, अनंतलाल विश्वकर्मा, सुजीत विश्वकर्मा व प्रधानाचार्य रामाकांत राणा ने किया. मौके पर प्रधानाचार्य रामाकांत राणा ने गुरु पूर्णिमा उत्सव पर गुरु की महिमा के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि गुरु की महिमा अपरंपार है. वे सर्वश्रेष्ठ हैं. उनके ज्ञान के बिना सबकुछ अंधेरा है. उनकी महिमा को शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करना असंभव है. वे त्रिदेव के सम्मिश्रण हैं. विद्यालय के कोषाध्यक्ष दिलीप गुप्ता ने भगवान श्री कृष्ण के गुरु सांदीपनी के जीवन-चरित्र का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि सांदीपनी के आश्रम में श्री कृष्ण और बलराम शिक्षा ग्रहण करते थे. उनकी शिक्षा पूर्ण होने के बाद गुरु को दक्षिणा स्वरूप श्रीकृष्ण ने उनके अपहृत पुत्र को लाकर दिया. शंखासुर के खोल से शंख निकला जो पांचजन्य शंख के नाम से प्रसिद्ध हुआ. सदस्य अनंत लाल विश्वकर्मा ने गुरु को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया. कहा कि उनके ज्ञान के बिना बच्चों का जीवन अंधकारमय है. गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु का भरपूर सम्मान करें. इस मौके पर विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को प्रधानाचार्य द्वारा अंगवस्त्र देखकर सम्मानित किया गया.
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