मासांत पर्व पर झारखंड की पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत की पहचान छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. धान की बुआई की शुरुआत में चक्रधरपुर प्रखंड के कई गांवों पदमपुर, महुलबोरोई, सिमिदीरी, हाथिया, नकटी, जोमरो, चन्द्री और केन्दो आदि में छऊ नाच मेला का आयोजन हुआ. इसका समापन भव्य सांस्कृतिक समारोह से हुआ.
छऊ कलाकारों की प्रस्तुति को सराहा
इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद जोबा मांझी, विधायक सुखराम उरांव एवं झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सन्नी उरांव शामिल हुए. इन सभी ने छऊ कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की. ग्रामीण संस्कृति के संरक्षण की दिशा में इसे महत्वपूर्ण पहल बताया. महुलबोरोई और पदमपुर के छऊ नाच आखड़ों में कोटुवा और पदमपुर की छऊ मंडलियों ने महाभारत, रामायण और अन्य पौराणिक एवं ऐतिहासिक कथाओं पर आधारित मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियां दीं. इन नृत्यों ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि सांस्कृतिक चेतना को भी पुनर्जीवित किया. जोमरो, चन्द्री, केन्दो और देवगांव में भी कृषि, ग्राम जीवन एवं धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी कथाओं पर आधारित छऊ नृत्य का मंचन किया गया, जिसे ग्रामीणों ने बड़े उत्साह से देखा.ये थे मौजूद : विधायक प्रतिनिधि पीरू हेम्ब्रम, जिला परिषद सदस्य मीना जोंको, पदमपुर पंचायत की मुखिया पिंकी जोंको, झामुमो केंद्रीय सदस्य रामलाल मुण्डा, झामुमो प्रखंड सचिव ताराकांत सिजुई, झामुमो नेता प्रदीप महतो, सुब्रत प्रधान (टिंकु), मुखिया प्रतिनिधि मंटू गागराई, निराकार केराई, अमित लोहार, दिलीप महतो, यशवंत महतो, हेमलाल महतो, रसिका होनहागा, उमा महतो, वीरसिंह महतो, राजेन्द्र महतो, राकेश सरदार, अजीत सामाड, राजू मुंडा सहित अन्य कई सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित थे.
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