विभाग को पहले से थी जानकारी, फिर भी समय पर नहीं कराया इलाज, वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफनाया बड़बिल. क्योंझर जिला के चंपुआ फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत गोविंदपुर जंगल में वन विभाग की लापरवाही से हाथी के बच्चे की मौत हो गई. हाथी के बच्चे की उम्र करीब डेढ़ वर्ष है. जानकारी के अनुसार हाथियों का झुंड गोविंदपुर जंगल में रुका हुआ है. गोविंदपुर और उससे सटे गांव कानुपुर डैम के कारण पूरी तरह खाली हो चुके हैं. इस कारण हाथियों को उस क्षेत्र में रुकने और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था मिल गयी है. झुंड में कई सारे बच्चे भी हैं. उसी झुंड से एक बच्चे के पैर में गंभीर चोट लग गयी थी. काफी समय से हाथी का बच्चा लंगड़ाते हुए जंगल में घूम रहा था. गुरुवार दोपहर में वह बिल्कुल नहीं चल पाया. इससे वह झुंड से बिछड़ गया. एक ही जगह पर पड़ा रहा. गुरुवार रात में जख्म के कारण उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद से हाथियों का झुंड उक्त क्षेत्र को छोड़ नहीं रहे थे. वन विभाग की टीम ने हाथियों को खदेड़ कर शुक्रवार को मृत हाथी के बच्चे का पोस्टमार्टम कर उसी स्थान पर उसके शव को दफना दिया. वन विभाग के एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हाथी बच्चे के जख्मी होने की खबर वन विभाग को तीन दिन पहले से थी. पर आज कल के चक्कर में उसका इलाज नहीं हो सका. अगर समय पर उसका इलाज हो जाता, तो शायद उसकी मौत नहीं होती.
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