पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में कुल चार दाल-भात केंद्र चल रहे हैं. इनमें दो केंद्र जर्जर हैं. इससे भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है. केंद्रों की स्थिति इतनी खराब है कि गंदगी बीमारियों आमंत्रित कर रही है. वहीं, दीवारों की दरारें दुर्घटना को दावत दे रही हैं. इन केंद्रों के अर्श से फर्श तक जर्जर हैं.
संचालकों को नहीं मिल रहा सुरक्षित स्थल: ज्ञात हो कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुल 22 दाल-भात केंद्र चल रहे हैं. चाईबासा शहर के दो केंद्रों के भवनों की स्थिति दयनीय है. केंद्रों की संचालकों को जर्जर भवन छोड़ देना चाहिए, लेकिन उन्हें समुचित स्थान नहीं मिल रहा है. फिलहाल संचालक संबंधित विभाग से भवन की मरम्मत की उम्मीद में हैं.
सुबह शुरू हाे जाती है मशक्कत: दाल- भात केंद्र चलाने के लिए संचालकों (महिलाएं) को सुबह से जुट जाना पड़ता है. चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों का प्रबंध करना पड़ता है. उन्हें मशक्कत करनी पड़ती है.
सदर प्रखंड परिसर
यह शहर का सबसे बेहतर दाल- भात केंद्र माना जाता है. यहां दाल- भात के साथ सब्जी, पापड़, चिकन, अंडा व विभिन्न वेरायटी की मछलियां भी परोसी जाती है. यहां 300- 600 लोग तक भोजन करने पहुंचते हैं.
सदर अस्पताल परिसर
निजी बस पड़ाव
यह केंद्र निजी बस पड़ाव के पश्चिमी छोर पर संचालित है. भवन काफी पुराना होने के कारण फर्श उखड़ रही है. पूरे भवन में दरार है. यहां रोज करीब 300 लोग भोजन करने पहुंचते हैं.
अनुमंडल कार्यालय परिसर
इस केंद्र पर दाल- भात कम रोटी, चाय- कॉफी, शीतल पेय पदार्थ खाने वालों की संख्या ज्यादा रहती है. यहां रोजाना 200- 300 लोग भोजनादि करने पहुंचते हैं.
– सुनीला खलखो,
जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पश्चिमी सिंहभूम
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