Chaibas News : ईचा डैम से प्रभावित ग्रामीणों को सिर्फ विस्थापन और विनाश मिलेगा : बिरुली

बांध विरोधी संघ ने ईचा-खरकई डैम पुनर्निर्माण योजना पर झारखंड सरकार के दावे और तथ्यों पर उठाये सवाल

By AKASH | May 22, 2025 10:32 PM
an image

तांतनगर.

ईचा-खरकई डैम पुनर्निर्माण योजना को लेकर सरकार के दावे और तथ्यों पर सवाल उठाते हुए ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. संघ के अध्यक्ष बीर सिंह बिरुली ने बयान जारी कर कहा कि डैम के जलमग्न क्षेत्र को 87 गांव से घटाकर 18 गांव बताना सरासर जुमला है. यह योजना आदिवासी और मूलवासी समुदाय की अस्मिता, अस्तित्व और पहचान को खत्म करने की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देकर डैम निर्माण को जायज ठहराने की कोशिश कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि डैम से प्रभावित ग्रामीणों को सिर्फ स्थापन और विनाश ही मिलेगा. बिरुली ने कहा कि अबुआ सरकार पूंजीपतियों की हितैषी बन चुकी है और टाटा व रूंगटा जैसे उद्योगपतियों के लिए डैम से पानी देने की योजना बनाकर आदिवासियों के साथ विश्वासघात कर रही है.

126 गांवों की ग्राम सभाओं से सहमति नहीं ली

2014 में बनी समिति ने की थी डैम रद्द करने की सिफारिश

2014 में तत्कालीन कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में गठित समिति ने डूब क्षेत्र का सामाजिक अंकेक्षण कर परियोजना रद्द करने और रैयतों को जमीन लौटाने की सिफारिश की थी. 12 मार्च 2020 से निर्माण कार्य स्थगित है, फिर भी झारखंड और ओडिशा के 126 गांवों में आज भी विस्थापन का भय बना हुआ है.

ईचा डैम से 85 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी

आदित्यपुर.

जिससे ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा.

वर्ष 1978 की योजना 1994 में पूरी होनी थी

ईचा डैम योजना 1978 की है, जिसे 1994 में पूरी होनी थी. शुरू से योजना विवाद में रही. आज तक धरातल पर नहीं उतर सकी है. सबसे पहले इस ईचा व चांडिल डैम का काम मध्य प्रदेश की एस एजेंसी को मिली थी. जिसके लिए 1990 में टेंडर भी हुआ था, जिसके बाद हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन नामक एजेंसी ने काम भी शुरू किया था. चांडिल डैम का काम खत्म करने के बाद अपना सामान ईचा डैम के लिए शिफ्ट किया. उसी समय एक मंत्री के निर्देश पर काम बंद कर दिया गया. उसके बाद पुन: 2004 में एकरारनामा को रिवाइज किया गया. जिसके बाद 38 करोड़ की योजना रिवाइज होकर 150 करोड़ की हो गयी. जिसका काम हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन को दिया गया. उसके बाद पुन: किसी कारण से योजना को बंद कर दिया गया. जिसके बाद एजेंसी के एकरारनाम को भी रद्द करना पड़ा. इसके बाद पुन: 2019 में प्रोजेक्ट का फिर से टेंडर किया गया. इसके बाद एजेंसी ने काम शुरू भी किया, लेकिन फिर काम बंद कर दिया गया. बताया जाता है कि विभाग की चारों योजना जो 38 करोड़ की थी, जो वर्तमान में बढ़कर 13 हजार करोड़ की हो गयी है.

ईचा डैम के साथ टेंडर हुईं तीन योजनाएं पूरीं

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां चाईबासा न्यूज़ (Chaibasa News) , चाईबासा हिंदी समाचार (Chaibasa News in Hindi), ताज़ा चाईबासा समाचार (Latest Chaibasa Samachar), चाईबासा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Chaibasa Politics News), चाईबासा एजुकेशन न्यूज़ (Chaibasa Education News), चाईबासा मौसम न्यूज़ (Chaibasa Weather News) और चाईबासा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version