मनोहरपुर. मनोहरपुर प्रखंड के गंगदा पंचायत के ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर सुबह 5.30 बजे कोयना नदी के लाल पानी के साथ सलाई चौक के पास मनोहरपुर-चाईबासा मार्ग को जाम कर दिया. जाम की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जान की सूचना मिलने पर बीडीओ शक्ति कुंज, सीओ प्रदीप कुमार और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने और वार्ता के दौरान एक माह में समस्या का हल निकालने के लिखित आश्वासन के बाद करीब दो घंटे बाद सुबह 7.30 बजे लोगों ने जाम हटाया. मौके पर ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि पंचायत के दोदारी गांव में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2017-18 में जलापूर्ति योजना शुरू की गयी थी. आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक चार गांवों के कुछ घरों में जलापूर्ति की जा रही है, बाकी 10 गांवों के ग्रामीणों कनेक्शन नहीं दिया गया है. इन गांवों में पाइप लाइन भी नहीं बिछाया गया है. गंगदा पंचायत के ग्रामीणों को पेयजल से संबंधित नलकूप, डीप बोरिंग एवं सोलर जलमीनार की सुविधा नहीं मिल रही है. 14 मार्च 2022 को भी सलाई चौक के पास सड़क जाम किया गया था. तब तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ने वार्ता के बाद गंगदा पंचायत के पाइपलाइन कार्य को दो स्टेप में करने की बात कही थी. तीन वर्ष बीत गए, पर काम पूरा नहीं हुआ. ग्रामीणों ने योजना में भारी गड़बड़ी और बंदरबांट की आशंका जाहिर की है. ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. ग्रामीणों ने गंगदा पंचायत के 14 गांवों में सुलभ जलापूर्ति कराने की मांग की है. ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इस मौके पर मुखिया सुखराम, मुकेश दास, विभाग के सहायक अभियंता समीर डुंगडुंग, जेइ मंजीत भगत, मुकेश दास, मंगल कुम्हार, बुधराम मुंडा, बागी चांपिया, रुइदास सोरेन, इंदा जामुदा, राजू कुम्हार, मनसा पूर्ति, सुनीता देवी, लबीना पूर्ति, लक्ष्मी चेरोवा, नीलमणि सांडिल के अलावा पंचायत के 14 गांवों के ग्रामीण मौजूद थे.
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