East Singhbhum News : बहरागोड़ा की कई पंचायतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं, पानी के बिना परती पड़े हैं खेत

निजी सबमर्सिबल व बीज-खाद खरीद कर खेती करते हैं किसान, किसान अपनी मेहनत के बल पर साल में दो बार करते हैं खेती, जहां सिंचाई की व्यवस्था है, वहां बेहतर खेती होती है

By AVINASH JHA | April 18, 2025 12:07 AM
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बहरागोड़ा. पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है. यहां साल में दो बार धान की खेती होती है. हालांकि, सरकारी उपेक्षा के कारण करीब आधे खेत परती रह जाते हैं. दरअसल, सभी क्षेत्र में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है. यहां के किसान काफी मेहनती हैं. निजी सबमर्सिबल व बीज-खाद खरीद कर खेती करते हैं. प्रखंड के लगभग 18,000 परिवारों की आय का मुख्य स्रोत खेती है. यहां के धान विभिन्न राज्यों में जाता है. प्रखंड में लगभग 4000 सिंचाई नलकूप है. इस बार 18,062 हेक्टेयर में गरमा धान की खेती का लक्ष्य है. पूर्वांचल समेत बहरागोड़ा के कई जगहों पर बेहतर खेती हुई है. धान पकने के कगार पर है.

कई गांवों में नहीं हो पाती है खेती

क्या कहते हैं किसान

किसानों का कहना है कि अगर सिंचाई की व्यवस्था हो, तो खेती से बेहतर आय होगी. कई गांव में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में किसान खेती से वंचित रह जाते हैं. किसान भगवान भरोसे खेती करने को विवश हैं.

–कोट–

– संजय कुमार, प्रभारी कृषि पदाधिकारी, बहरागोड़ा

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