घाटशिला. ‘प्रभात खबर’ पाठकों व आम लोगों के लिए प्रत्येक शनिवार को लीगल काउंसेलिंग का आयोजन करता है. इसके तहत 22 मार्च को घाटशिला अनुमंडलीय बार एसोसिएशन के सदस्य सह एचसीएल-आइसीसी के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने पाठकों और आम लोगों को निःशुल्क कानूनी सलाह दी. इस दौरान ज्यादातर पाठकों ने जमीन और पारिवारिक विवाद से संबंधित सवाल पूछे. इस दौरान अधिवक्ता ने कहा कि भूमि संबंधी विवाद में रजिस्ट्री और म्यूटेशन ही मान्य होते हैं. किसी वैध दस्तावेज के बिना किसी का दावा अवैध माना जायेगा. कोई आपकी जमीन पर दावा कर रहा है, तो अंचल कार्यालय में लिखित शिकायत करें. वहां से समाधान नहीं होने तो एसडीओ कोर्ट में अपील करें. दरअसल पोटका के विनय टुडू ने पूछा कि था कि उनकी खतियानी जमीन पर दूसरा व्यक्ति दावा कर रहा है. वह कहता है कि मेरे पूर्वजों ने जमीन बेच दी थी. उसके पास केवल एक हस्ताक्षरित कागज है, जिस पर किसी ग्रामीण का हस्ताक्षर नहीं है. रजिस्ट्री के कोई दस्तावेज नहीं हैं. मुझे क्या करना चाहिए.
आम जनता को कानूनी रूप से जागरूक होने की जरूरत
पाठकों के सवालों पर मिली सलाह
सवाल : मेरी जमीन रैयती है, लेकिन दूसरा उस पर दावा कर रहा है. उसके पास रजिस्ट्री का कोई दस्तावेज नहीं है. इस मामले में मुझे क्या करना चाहिए. – अशोक महतो, राजाबासा, घाटशिलासलाह : रैयती जमीन उसी व्यक्ति की मानी जायेगी, जिसकी जमीन है. यदि किसी ने आपत्ति जतायी है, तो मामले को कानूनी रूप से देखा जायेगा.
सलाह : अपने अधिवक्ता से बात कर स्पेशल मेंशन करवायें, ताकि आपका मामला जल्द निष्पादित हो सके.
सलाह : एलआरडीसी कोर्ट में मामला दर्ज करवायें. इस मामले में जल्द समाधान होगा.
सवाल : मऊभंडार एचसीएल कंपनी की स्थिति बहुत खराब है, जिससे मजदूरों और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है. -कमल दास, मऊभंडार
सवाल : मेरी बहन का 22 साल पहले तलाक हो गया था. उसे भरण-पोषण के लिए 7,000 रुपये मिलते थे. 2022 में उसने 12,000 रुपये भरण-पोषण के लिए कोर्ट में क्लेम किया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. पिछले 3 साल से उसे पैसे नहीं मिल रहे हैं. हमें क्या करना चाहिए. -एक व्यक्ति, जादूगोड़ा
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