गालूडीह. गालूडीह के उलदा स्थित माता वैष्णो देवी धाम के तृतीय स्थापना दिवस पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को कथावाचक स्वामी हृदयानंद गिरि महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है. राम ने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया. भगवान श्रीराम में गजब की सहनशीलता और धैर्य था. सहनशीलता की ऐसी पराकाष्ठा भगवान राम में ही देखने को मिलती है. हर व्यक्ति को भगवान राम के इस गुण को अपनाना चाहिए. भगवान राम के जीवन से हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं प्राप्त होती हैं. पहले तो उनका प्रेम परिवार और धर्म से संबंधित दायित्व का पालन करने की प्रेरणा मिलती है. उनका समर्पण और न्यायप्रिय व्यवहार हमें समाज में समर्थ और सजीव भूमिका निभाने की दिशा देता है. उनकी वफादारी, साहस और आत्मनिर्भरता हमें कठिन परिस्थितियों में भी साहसी बनाता है. उनका धैर्य और धर्म के प्रति अनुकरणस्पदता हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सहायक होती है.
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