धालभूमगढ़. लोयोला स्कूल चोइरा की तीन नाबालिग सबर छात्राएं स्कूल के हॉस्टल से भागकर बीती रात धालभूमगढ़ के चारचाका गांव पहुंच गयी. लोगों ने जब तीनों को घूमते हुए देखा तो कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत की मुखिया बिलासी सिंह को इसकी सूचना दी तथा बच्चियों को रोके रखा. मुखिया ने पूछताछ के बाद बताया कि तीनों बच्चियां आदिम जनजाति सबर समुदाय से हैं. लोयोला स्कूल की छात्रा हैं तथा हॉस्टल में रहती हैं. तीनों छात्राएं पटमदा के एक गांव की रहने वाली है. मुखिया ने इसकी सूचना पुलिस को दी. तत्काल पुलिस ने तीनों बच्चियों को बरामद कर विद्यालय प्रबंधन के हवाले किया. इस संबंध में प्रधानाध्यापक को फोन करने पर उन्होंने रिसीव नहीं किया. मुखिया ने बताया कि तीनों बच्चियां डरी हुई थी. जब उनसे पूछताछ की गयी तो उन्होंने कहा कि उन्हें हॉस्टल में प्रताड़ित किया जाता है. पढ़ाई के साथ-साथ अन्य काम भी कराये जाते हैं, इसलिए वे रात का खाना खाने के बाद वहां से भाग खड़ी हुई. तीनों ने दोबारा स्कूल नहीं जाने की इच्छा जतायी. मुखिया ने बच्चियों को काफी समझा बुझाकर पुलिस के साथ रवाना किया. इस संबंध में थाना प्रभारी मो अमीर हमजा ने बताया कि लोयोला स्कूल से तीन बच्चियां भागी थी. इसकी मौखिक सूचना विद्यालय प्रबंधन द्वारा दी गयी थी. पुलिस खोजबीन कर रही थी, इसी क्रम में चारचाका में होने का पता चला. उन्हें सकुशल बरामद कर विद्यालय के हवाले कर दिया गया है. मुखिया ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्र से गरीब सबर बच्चियों को लाकर हॉस्टल में रखा जाता है. उन्हें प्रताड़ित करना कहीं से भी जायज नहीं है. विद्यालय प्रबंधन इस पर गंभीरता पूर्वक ध्यान दे.
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