पथरगामा के आर्य समाज मंदिर में चार दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ व प्रवचन में लोगों की भीड़ जुट रही है. सर्वप्रथम मंत्रोचार के साथ यज्ञ कुंड में आहुति दी गयी. तत्पश्चात सामवेद पारायण महायज्ञ कार्यक्रम के पहले दिन आचार्य कपिल शर्मा ने अपने प्रवचन में कहा कि लोग अपने मकान के छत को स्क्वायर फिट में तो माप सकते हैं, लेकिन परमात्मा को कदापि स्क्वायर फिट में नाप नहीं सकते. क्योंकि परमात्मा तो सर्वत्र विराजमान होते हैं. कहा कि लोगों कि इच्छा असीमित है. असीमित इच्छा के कारण ही लोग दुख भोगते हैं. अगर इच्छा को सीमित कर लिया जाये, तो सभी दुखों का स्वत: अंत हो जाएगा. कहा कि जीवित शरीर रूपी नाव पर आत्मा सवार रहता है. मानव शरीर अनमोल है. इस शरीर से ऐसा कोई काम ना करें कि अंत में पश्चाताप करना पड़े. कहा कि यह जीवन सांस का खेल है. सांस रुका तो सब खेल खत्म. कौन सी सांस अंतिम होगी, यह किसी को पता नहीं. उन्होंने संगीतमय भजन द्वारा बताया कि सांस देना प्रभु इतना कम से कम कि तुमको मिलने से पहले निकले ना दम. कहा कि किसी का जीवन नहीं छीनना चाहिए. क्योंकि सभी को जीने का अधिकार है.
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