गोलीकांड में मारे गये ललमटिया के जॉन किस्कू का शव सुबह पैतृक घर पर ले जाया गया. घर पर शव को कुछ घंटों तक रखा गया. इसके बाद आदिवासी परंपरा के अनुसार शव को दफना दिया गया. पूरे मामले को लेकर आज भी पूरे दिन ललमटिया चौक पर पुलिस की सघन गतिविधि देखी गयी. घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस द्वारा क्षेत्र में लगातार गश्ती की गयी और पुलिस ने पूरे मामले पर बारिकी से नजर रखा. मृतक का शव घर पहुंचने पर झामुमो कई कार्यकर्ता घर पहुंच कर परिवार को सांत्वना दिया गया और घंटों सभी मौजूद रहे. मालूम हो कि जॉन किस्कू क्लाउड किस्कू का भाई था. क्लाउड किस्कू ललमटिया क्षेत्र का चर्चित था. गोलीबारी मामले में जेल गया था और दूसरे गैंग का प्रतिनिधित्व करता था. मंगलवार को गोलीबारी में मारे गये मृतक जॉन किस्कू स्वयं एक मर्डर के मामले में अपने भाई क्लाउड किस्कू के साथ जेल गया था. जेल में 14 साल की सजा काट कर हाल के दिनों में बाहर निकला था. मृतक का भाई क्लाउड किस्कू भी जेल ही था, लेकिन वह वर्ष 2006-07 में तत्कालीन एसपी रहे बिगलाल उरांव के समय गोड्डा कोर्ट परिसर से हथकड़ी खींचकर फरार हो गया था. तभी यह बड़ी घटना थी. आज तक क्लाउड किस्कू गोड्डा पुलिस के हाथ नहीं लगा. जानकारी के अनुसार मृतक के एक भाई की हत्या साहेबगंज में हो गयी थी. साहेबगंज में अपराधियों ने उसके भाई की हत्या कर दी थी. मृतक का एक पुत्र राजमहल परियोजना में नौकरी करता है. हत्या के मामले में 14 वर्ष की सजा काट कर जेल से बाहर आकर अपने परिवार के साथ जॉन किस्कू शांतिपूर्वक रह रहा था. जेल से बाहर आने के बाद कोई भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं हुआ था.
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