पोड़ैयाहाट प्रखंड के नौवडीहा पंचायत ऐतिहासिक गर्म जल कुंड निर्झर तालाब इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है. तालाब के चारों ओर गंदगी पसरी है. बता दें, मकर संक्रांति के अवसर पर 14 व 15 जनवरी को दो दिवसीय मेले का आयोजन वर्षों से होता आ रहा है, जिसमें मात्र सात दिन बचे हैं. इसमें गोड्डा जिले के अलावे बिहार से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और गर्म जलकुंड में आस्था की डूबकी लगाते हैं. इसके बावजूद प्रशासनिक उदासीनता का शिकार है. मेले में काफी संख्या में सफाहोड़ समुदाय के लोग स्नान करने पहुंचते हैं. तालाब के आसपास कोई सरकारी चापाकल नहीं है, जिसे श्रद्धालु पानी पी सके. नतीजा दुकानदार व श्रद्धालु शुद्ध पानी पीने को तरस जाते हैं. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो अगर सरकार की ओर से सौंदर्यीकरण किया जाता, तो मेले की सुंदरता और बढ़ जाती. हालांकि प्रत्येक वर्ष लगभग 50 हज़ार की राजस्व प्राप्ति इस मेले से सरकार को होती है. ऐसी मान्यता है निर्झर गर्म जलकुंड स्नान करने से चर्म रोग से मुक्ति मिलती है. यह बात दूर दूर तक फैली हुई है. इसलिए श्रद्धालुओं की भीड़ प्रत्येक वर्ष दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है.
संबंधित खबर
और खबरें