मानसून शुरू होते ही लगातार हो रही बारिश से खरीफ फसल की खेती करने वाले कृषकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. कस्तूरी के किसान जयदेव सिंह, दशरथ सिंह, बबलू किस्कू ने बताया कि धान बीज की बुआई रोहिणी नक्षत्र व हाइब्रिड बीज की बुआई मृगशिरा व आद्रा नक्षत्र में की जाती है. इस वर्ष मानसून शुरू होने के साथ ही लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण खेतों में पानी जमा रहने से बीज की बुआई में विलंब हो रहा है. बारिश से राहत नहीं मिलने पर अधिकांश किसानों को लेवा पद्धति (पानी जमावाले खेत की जोताई कर बीज डालने का कार्य) से बीज की बुआई करनी पड़ रही है. इससे बीज खराब होने की आशंका ज्यादा है. पानी की अधिकता की वजह से बीज सड़कर बेकार हो रहा है. दोबारा बीज की बुआई करनी होगी. बताया कि बिचड़ा के लिए सूखे खेत बेहतर है. इस पद्धति से उपज भी अधिक होती है. एक तो महंगे बीज बाजार से खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि धान के अलावे अन्य बीज सरकार की ओर से नहीं मिलता है. किसी तरह अपना पूंजी लगाकर खेतों में डाल रहे हैं. उसमें भी बीज सड़ने का डर सता रहा है.
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