साहित्यिक जगत को एक नयी रचना भेंट करते हुए मिल्लत कॉलेज, परसा के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद जाबेद की चौथी काव्य-कृति भावांतर का भव्य विमोचन समारोह कॉलेज परिसर में संपन्न हुआ. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों, शिक्षाविदों, विद्यार्थियों और साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की. भावांतर एक आधुनिक हिंदी काव्य-संग्रह है, जिसमें जीवन, प्रेम, आत्मचिंतन, अनुभूति और समाज के विविध पक्षों को गहनता से चित्रित किया गया है. यह संग्रह न केवल भावनात्मक गहराई से भरपूर है, बल्कि इसकी भाषा शैली भी नवीनता लिये हुए है, जो पाठकों को भीतर तक झकझोरती है. विमोचन समारोह में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. तुषार कांत ने डॉ. जाबेद की साहित्यिक ऊर्जा एवं निरंतर सृजनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि उनका लेखन नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है. अपने वक्तव्य में डॉ. जाबेद ने कहा कि भावांतर केवल कविताओं का संकलन नहीं, बल्कि आत्मा की उन तरंगों की अभिव्यक्ति है, जो अक्सर अनकही रह जाती हैं. यह संग्रह आत्ममंथन की प्रेरणा देता है. प्रो. असरफ करीम ने भावांतर को समकालीन हिंदी साहित्य में एक नयी दिशा देने वाला संग्रह बताते हुए इसे युवा रचनाकारों के लिए प्रेरक कहा. डॉ. जाबेद की पूर्व प्रकाशित तीन काव्य-कृतियां भी समीक्षकों व पाठकों द्वारा सराही जा चुकी है. भावांतर निःसंदेह साहित्यिक उपलब्धियों की श्रृंखला में एक और मील का पत्थर साबित होगा.
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