27 वर्ष पूर्व बने स्टेडियम पर ध्यान नहीं दे रही परियोजना, बारिश व गर्मी में खिलाड़ियों को होती है परेशानी
जिले का एकमात्र बेहतर राजेंद्र स्टेडियम भी इसीएल की उपेक्षा का शिकार, पदाधिकारी नहीं देते ध्यान
By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 11:13 PM
महागामा के ऊर्जानगर में करीब 27 वर्ष पहले जिले का सबसे बेहतर व एकमात्र बनाया गया स्टेडियम अपने ही इसीएल की उपेक्षा का शिकार है. जिस राजमहल कोल परियोजना द्वारा महागामा के ऊजानगर में राजेंद्र स्टेडियम का निर्माण कराया गया, उक्त स्टेडियम पर परियोजना का ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से स्थिति बेकार हो गयी है. परियोजना द्वारा स्टेडियम को बेहतर बनाने में अब तक बड़ी पहल नहीं किया गया है. इस वजह से यहां सुबह को नगर के आम लोगों के अलावा बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को परेशानी झेलना पड़ रहा है.
स्टेडियम की सफाई नहीं, मिट्टी का डंप, राजनीतिक दल भी लगातार करते है कार्यक्रम :
इसीएल ने 1997 में बनाया था स्टेडियम, मुनाफा के बावजूद आज उपेक्षित :
क्षेत्रीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 वर्ष पूर्व इसीएल द्वारा स्टेडियम का निर्माण किया गया था. तत्कालीन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक विमलेंदु देव ने 11 सितंबर 1997 को राजमहल खनिज समूह के मुख्य महाप्रबंधक कैलाश चंद्र पाटनी के साथ संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया था. आज इसीएल सलाना करोड़ों की राशि मुनाफे के तौर पर कमा रही है, मगर मेंटेनेंस के अभाव में स्टेडियम बदहाल है. सुबह-शाम टहलने वालों में इसीएल कर्मी व महागामा के आसपास के लोग स्टेडियम के बजाय सड़क पर टहलना बेहतर मानते हैं. कहा कि इधर बारिश होने की वजह से स्टेडियम में कीचड़ के बीच वाहनों का आवागमन होने से स्टेडियम पूरी तरह खराब हो गया है.
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