बरकट्ठा़ प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव बगबंधवा गांव में पेयजल की किल्लत बड़ी समस्या बन गयी है. गांव में ऊपर टोला और नीचे टोला मिलाकर लगभग 400 के करीब आबादी है. यहां के लोगों को पानी की कमी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जासो देवी ने बताया कि पानी की कमी के कारण गांव के लोगों को दूर-दूर से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. शिवराम मांझी ने बताया कि गांव में दो कुआं है, जिसमें नाममात्र का पानी रहता है. शुरुआती गर्मी में ही कुआं खुद प्यासा है. किसी तरह कुएं में थोड़ी मात्रा में जमा हुआ गंदा पानी को लोग लाकर पीने के लिए मजबूर हैं. जीबलाल मांझी ने बताया कि गांव में एक चापाकल है जो महीनों से खराब पड़ा है. गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र और एक प्राथमिक विद्यालय है. आंगनबाड़ी में डीप बोरिंग और टंकी का पानी है, लेकिन ग्रामीणों को उससे कोई सुविधा नहीं मिलती. ग्रामीणों के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र प्रायः बंद रहता है. जिससे लोगों को वहां से पानी नहीं मिल पाता है. स्कूल के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि विद्यालय परिसर में एक मात्र चापानल है जिसे दो मिनट चलाने के बाद पानी ड्राई कर जाता है. महादेव मांझी ने बताया कि बगबंधवा गांव का दुर्भाग्य है कि इसका क्षेत्र दो पंचायत शिलाडीह और तुइयो में पड़ने के कारण विकास से अछूता है. सोहन मांझी व श्याम लाल मांझी ने बताया कि गांव में चापाकल व डीप बोरिंग से पेयजल आपूर्ति की जा सकती है. लेकिन इस ओर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारियों की कोई नजर है.
संबंधित खबर
और खबरें