लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव
बड़कागांव थाना क्षेत्र के कई लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो, चापाकल से निकलने वाली मिथेन गैस से अगल-बगल के घर वालों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. चापाकल से पानी नहीं निकलने के कारण पेयजल की भी किल्लत हो गई है.
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परवेज आलम ने 2022 में करायी थी बोरिंग
लोजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष परवेज आलम ने बताया कि अप्रैल 2022 में पानी की समस्या निजात पाने के लिए उन्होंने अपने आंगन में बोरिंग करायी. 6 माह तक पानी का स्वाद अच्छा लगा. इसके बाद पानी का स्वाद किरासन तेल की तरह लगने लगा. मई 2024 में पानी निकलना बंद हो गया. चापाकल से अजीब तरह की आवाजें आने लगी. इसके बाद चापाकल के पाइप को अक्टूबर 2024 में खोल दिया गया. जब माचिस की तिल्ली जलायी गयी तो उससे आग निकलने लगी. इसके बाद चापाकल को बोरा से बांध दिया गया.
गैस से बचने के लिए चापाकल के पाइप में बांध दिया गया बोरा
परवेज आलम का कहना है कि दिसंबर महीने में पाइप को फिर से लगा दिया. जनवरी तक पानी ठीक-ठाक निकला. लेकिन फरवरी माह में पानी निकलना फिर बंद हो गया. इसके बाद पाइप को खोल दिया गया. जिससे मीथेन गैस चापाकल के पाइप से निकलना शुरू हो गया. गैस से बचने के लिए चापाकल के पाइप में बोरा बांध दिया गया है. लेकिन मीथेन गैस अब तक निकल ही रहा है. अगर इस पर प्रशासन द्वारा नियंत्रण नहीं किया गया तो, प्रवेज आलम के घर वालों एवं आसपास के लोगों स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.
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क्या कहना है एक्सपर्ट का
डॉ अविनाश कुमार का इस संबंध में कहना है कि अगर चापाकल के पाइप से मीथेन गैस निकलती है तो, आसपास के रहने वाले लोगों को टैनिक एसीसीया नामक रोग हो सकता है. फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
डॉ अविनाश कुमार, चिकित्सा प्रभारी