इस संबंध में सिंदुवारी निवासी किसान केसर महतो ने बताया कि आज से लगभग ढाई- तीन माह पहले 50 किलो आलू का बीज खरीद कर अपने खेत (टांड) में लगाये थे. फसल उगने पर परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा उसमें उगे खर- पतवार की निकासी किया गया. खाद देकर सिंचाई किया गया. जब आलू की फसल को कोड़ा गया, तो उसमें एक भी कंद (नया आलू) नहीं पाया गया. यह देख कर किसान के परिजनों के आंखों में आंसू छलक गये. परिवार के सभी सदस्य मायूस हैं तथा अपनी आजीविका के प्रति चिंतित हैं.
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कृषक केसर महतो ने कहा कि सब्जी महंगी होने पर पूरे देश में हाहाकार मच जाता है, लेकिन किसानों की दुर्दशा पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. इसी गांव के विगेश्वर महतो, झगर महतो, शिव देव महतो, देवकी महतो, महादेव महतो के खेतों में आलू की फसल में फल नहीं लगा है. किसानों का कहना है कि मेहनत पर तो पानी फिर ही गया, पूंजी भी वसूल नहीं हो पाया.
कृषक प्रदीप महतो का कहना है कि खराब बीज की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी आलू की फसल में बेमौसम बारिश के कारण आलू नष्ट हो गये थे. इस बार कंपनी द्वारा घटिया किस्म का बीज दिये जाने कारण आलू की पैदावार नहीं हुई है. इससे अब किसानों की कमर ही टूट गयी है.
Posted By : Samir Ranjan.