बड़कागांव. जनसंख्या के आधार पर राज्य में राजनीतिक दायित्व मिलना चाहिए. देश की राजनीतिक दलों ने जातीय संख्या के अनुसार भागीदारी नहीं देते हैं. इसलिए हमें एकजुट होना होगा, तभी हमारी भागीदारी अधिक से अधिक होगी. उक्त बातें राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार नितेश ने कही. वे शुक्रवार को बड़कागांव के रुक्मणी भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी जाति एक होगी तो देश और राज्य की कोई भी पार्टी हमें नजरअंदाज नहीं कर सकेगी. जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए. सभी दलों ने तेली समाज को ठगने का काम किया है, लेकिन अब हम लोग ठगे जाने का काम नहीं करेंगे. किसी भी राजनीतिक दल का बंधुआ मजदूर बनकर नहीं रहेंगे. देश में 14 करोड़ की आबादी में मात्र सात सांसद तेली जाति से हैं. झारखंड में तेली जाति की जनसंख्या 11 प्रतिशत है, इसके बावजूद मात्र दो विधायक हैं. राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन देश के 28 राज्यों, नौ केंद्र शासित प्रदेशों और नेपाल तक फैला हुआ है. समाज आर्थिक एवं व्यवसायिक रूप से मजबूत है, लेकिन राजनीतिक रूप से बहुत पीछे है. झारखंड में आबादी के अनुसार दो सांसद और 9-10 विधायक हमारे समाज से होने चाहिए. सभी लोग एकजुट हों और राजनीतिक पकड़ को मजबूत बनायें. झारखंड राज्य में भी अन्य राज्यों की तरह तेली घानी बोर्ड का गठन होना चाहिए. समाज के टॉपर और गरीब परिवार के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर आर्थिक रूप से मदद करेंगे. प्रेस वार्ता में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हरिनाथ साहू, हजारीबाग जिलाध्यक्ष कैलाश साहू, हजारीबाग जिला युवा अध्यक्ष अरविंद कुमार, कौलेश्वर साव, धनु प्रसाद निराला, पदुम साव, डूबन साव, झमन साव, अजय कुमार, प्रमोद प्रसाद गुप्ता, सुखदेव साव, संतोषी कुमारी सहित कई अन्य महिला-पुरुष उपस्थित थे
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