बड़कागांव. प्रखंड के पीपल नदी, बादम बाबूपारा नदी, खैरातरी नदी और पंडरिया चोरका नदी में पुल नहीं बनने से बरसात में लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट जाता है. पिछले तीन दिन से हो रही बारिश की वजह से इन नदियों का जल स्तर बढ़ गया था. ऐसे में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाजार गये लोग अपने घर नहीं लौट पाये. जब नदियों का जलस्तर कम हुआ तब गुरुवार रात 11 बजे वे घर लौटे. जलस्तर बढ़ने से ईंट ले जा रहा ट्रैक्टर पंडरिया नदी में डूब गया था. बादम पंचायत की मुखिया सुनीता देवी का कहना है कि बादमाही नदी व गोंदलपुरा नदी में पुल बन गया है, जिससे 12 गांव के लोगों को काफी परेशानी होती है. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल तक जाने में मुसीबत होती है. नदी में जल स्तर बढ़ जाने के कारण बड़कागांव तो दूर, बादम चौक तक बाबूपारा के लोग नहीं जा पाते हैं. इस नदी में पुल नहीं बनने के कारण बाबू पारा, गोंदलपुरा, बलोदर, गाली, जोराकाठ, राउत पारा समेत 12 गांव प्रभावित हैं. पीपल नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण चंदनपुर, तेलिया तरी, लंगातु, सिंदुवारी, सोनबरसा आदि गावों के लोगों को बाजार तक पहुंचने में परेशानी होती है. बड़कागांव के कृषक किट्टू महतो, राजेंद्र महतो का कहना है कि हम लोगों का खेत पीपल नदी के उस पार है. बड़कागांव से चंदनपुर एवं तेलिया तरी नहीं जा पाते हैं. पंडरिया निवासी विनोद महतो और अरुण कुमार सिंह का कहना है कि पंडरिया नदी में पुल बन जाने से चोरका होते हुए बड़कागांव तक जाने में आसानी होगी. लेकिन आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी आज तक पंडरिया नदी में पुल नहीं बना है. ऐसा लगता है, जैसे हम लोग आदिम युग में जी रहे हैं. सरकार का नारा ””””सबका साथ, सबका विकास”””” हम लोगों को चिढ़ा सा लगता है.
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