भोपाल : मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 24 जिलों में कोरोना वायरस की महामारी फैल गयी है. इन 24 जिलों में प्रदेश की करीब 59 प्रतिशत आबादी रहती है. आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च से 14 अप्रैल अब तक प्रदेश में कोविड19 संक्रमितों की संख्या 13 गुना बढ़ गयी है. इस वक्त प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 874 है.
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के करीब 80 प्रतिशत मरीज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एवं इंदौर में हैं. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्यप्रदेश की जनसंख्या करीब 7.26 करोड़ है. जिन 24 जिलों में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है, उनमें करीब 4.29 करोड़ लोग रहते हैं.
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान ने बताया, ‘प्रदेश में कोरोना वायरस प्रभावित जिले अधिक दिखाई देते हैं, लेकिन इस बीमारी के करीब 80 प्रतिशत मरीज दो जिलों इंदौर एवं भोपाल में हैं. इसलिए इस वायरस से मुख्य रूप से इन दो जिलों को ही प्रभावित किया है और इनमें से भी विशेष रूप से इंदौर को.’
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इंदौर शहर में अब तक सर्वाधिक 427 मरीज मिले हैं. वहीं, भोपाल में अब तक 158 मरीजों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. मध्यप्रदेश में 15 अप्रैल तक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की तादाद 874 पर पहुंच गयी.
इनमें से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से इंदौर में 37, उज्जैन में छह, भोपाल में पांच, खरगोन में तीन और छिंदवाड़ा एवं देवास में एक-एक मौत शामिल हैं. मध्यप्रदेश में अब तक इस महामारी के जो 874 संक्रमित मरीज पाये गये हैं, उनमें से 544 मरीज (62 प्रतिशत से अधिक) इंदौर में हैं, जबकि भोपाल में 158 (करीब 18 प्रतिशत) मरीज हैं.
मध्यप्रदेश के 150 प्रवासी कामगारों को पुणे छोड़ने से रोका गया
महाराष्ट्र के पुणे से लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश स्थित अपने मूल स्थान पैदल ही जा रहे करीब 150 प्रवासी कामगारों को पुलिस ने रोक लिया. एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी लोग पुणे के कात्रज इलाके में रहते हैं और शहर के आसपास मजदूरी करते हैं.
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कोंधवा थाने से संबद्ध पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 150 लोगों के इस समूह में महिलाएं और बच्चे भी हैं. जब उन्हें रोका गया, तो उन्होंने बताया कि वे पुणे के आसपास मजदूरी करते हैं और पैदल ही मध्यप्रदेश में अपने मूल स्थान जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता था कि इन लोगों को लगा कि उन्हें कोई सवारी मिल जायेगी, जिससे वे पड़ोसी राज्य में अपने घर पहुंच जायेंगे. अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर कात्रज वापस लौटने के लिए मना लिया, जहां वे इन दिनों रह रहे थे.
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