दूसरे बाघ से झड़प में हो गया था घायल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संयुक्त निदेशक लवित भारती ने बताया कि इस बाघ का दूसरे बाघ के साथ भिड़ंत हो गई थी. बाघों की लड़ाई में यह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. उन्होंने कहा कि इसके शरीर में जख्म इतना गहरा था कि यह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था. वहीं, शिकार न करने के कारण बाघ बेहद कमजोर हो गया था. हालांकि, डॉक्टरों की दवा का असर बाघ पर पड़ा है, धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. अब वो खड़ा होने लगा है.
डॉक्टरों की टीम ने किया रेस्क्यू
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पतौर वन क्षेत्र से घायल बाघ को रेस्क्यू किया गया है. फिलहाल उसे एक पिंजरे में रखा गया है. टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि जब तक वो पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाता उसे बाड़े में ही रखा जाएगा.बता दें, वन अधिकारियों को खबर मिली थी कि बमेरा इलाके में नर बाघ बैठा हुआ है. इसके बाद हाथियों की मदद से बाघ को रेस्क्यू किया गया.फिलहाल डॉक्टरों की टीम घायल बाघ का इलाज कर रही है.
वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य बना मप्र का सातवां टाइगर रिजर्व
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश को बाघों के लिए एक नया संरक्षित क्षेत्र वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य मिला है. देश में सबसे अधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश में है. राज्य का यह सातवां बाघ अभयारण्य होगा. मध्य प्रदेश में 2022 की पशुगणना में राज्य के बाघ स्टेट का दर्जा बरकरार रखा और प्रदेश में बाघों की संख्या 785 हो गई जो 2018 में 526 थी. एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन्य पशुओं के संरक्षण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया है. अब तक, मध्य प्रदेश छह बाघ अभयारण्यों कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी का घर था.
भाषा इनपुट के साथ